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तमिलनाडु के सरकारी कॉलेजों में गंदे शौचालयों के कारण पुरुष छात्र खुले में शौच करने को मजबूर

चेन्नई, 21 मार्च (आईएएनएस)। तमिलनाडु के पेरम्बलुर जिले के कुरुम्बलुर और वेप्पनथट्टई में सरकारी कला महाविद्यालय में अस्वच्छ और अस्वच्छ शौचालयों के कारण पुरुष छात्रों के पास खुले में शौच करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। छात्रों के अनुसार, उनमें से लगभग 2,500 कुरुंबलूर कॉलेज में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जबकि 1,500 वेप्पनथट्टई कॉलेज में पढ़ रहे हैं। इन कॉलेजों में पीने के पानी की सुविधा का भी अभाव है। बीए फंक्शनल इंग्लिश के तीसरे वर्ष के छात्र शिवप्रसाद ने आईएएनएस को बताया, कुरुंबलूर के सरकारी कॉलेज में 2,500 छात्र हैं और हमारे पास उचित शौचालय नहीं हैं। पुरुषों और महिलाओं दोनों के शौचालय अशुद्ध और पूरी तरह से अस्वच्छ हैं। लड़के अब खुले में शौच करने को मजबूर हैं। खुले में शौच करने के लिए जबकि लड़कियों को गंदे शौचालयों का उपयोग करने के लिए मजबूर किया जाता है। हमने कई आवेदन किए हैं लेकिन कुछ नहीं हुआ है। विडंबना यह है कि राज्य और केंद्र सरकारें खुले में शौच के खिलाफ पुरजोर वकालत कर रही हैं और खुले में शौच मुक्त समाज का लक्ष्य बना रही हैं। हालांकि, यहां तक कि एक सरकारी कॉलेज के छात्रों को खुले में शौच करने के लिए मजबूर करने के साथ, राज्य सरकार का अभियान पटरी से उतर जाता है। स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के जिला सचिव आर. रामकृष्णन ने मीडिया को गंदे शौचालयों के कारण होने वाली असुविधा के बारे में बताया। छात्र नेता ने कहा कि जिला प्रशासन को कई बार ज्ञापन देने के बाद भी कुछ नहीं हुआ। एसएफआई के जिला सचिव ने यह भी चेतावनी दी कि अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो छात्र समुदाय को आंदोलन करने के लिए मजबूर किया जाएगा। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें छात्रों की याचिका पहले ही मिल चुकी है और जल्द से जल्द मामले का समाधान करेंगे। --आईएएनएस एसकेके/आरजेएस

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