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मप्र के 27 बांध हुए लबालब

भोपाल, 30 सितम्बर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के बांधों में भरपूर पानी आ गया है। 27 बांध ऐसे हैं जो लबालब हैं तो वहीं अन्य प्रमुख बांध पूरा भरने के करीब हैं। जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने बताया है कि प्रदेश में जलसंसाधन विभाग के प्रमुख बांधों सहित लगभग 27 बांधों में शत-प्रतिशत जलभराव हो गया है। अन्य प्रमुख बांधों में 90 से 95 प्रतिशत तक जलभराव हो गया है और आगामी रबी की फसल के लिए किसानों को पर्याप्त जलापूर्ति तथा पेयजल की व्यवस्था रहेगी। प्रदेश में जल संसाधन विभाग के 39 बांध और बड़े जलाशय में से 27 जलाशय लगभग शत-प्रतिशत भर चुके हैं। इसके साथ ही नौ अन्य जलाशयों में भी 80 प्रतिशत तक पानी का जलभराव हो चुका है। भोपाल में केरवा डेम, होशंगाबाद में तवा बांध, विदिशा में राजघाट, हलाली, सम्राट अशोक सागर व संजय सागर बांध, टीकमगढ़ में बाणसुजारा बांध, मुरैना में पगारा, सागर में पगरा, गुना में गोपी कृष्ण और झाबुआ में माही बांध जलभराव की उच्चतम क्षमता (एमसीएम) स्तर पर पहुंच गए हैं। इसके साथ बारना बांध (रायसेन) राजीव सागर (बालाघाट), धौलावड़ (रतलाम), गांधी सागर (मंदसौर), मनीखेड़ा (शिवपुरी), पारसडोल (बैतूल), पेंच (छिंदवाड़ा), रेतम बैराज बांध (मंदसौर), संजय सरोवर (सिवनी), हरसी (ग्वालियर), ककेटो (ग्वालियर), महान (सीधी), महुअर (शिवपुरी) और अपर ककेटो बांध (श्योपुर) 95 प्रतिशत से अधिक उच्चतम जलभराव (एमसीएम) की स्थिति में पहुंच गए हैं। प्रमुख अभियंता एम एस डाबर ने बताया कि अभी वर्षा की संभावना को देखते हुए जलभराव बढ़ने की संभावना है। राजगढ़ जिले के कुंडलिया और मोहनपुरा बांध में सबसे कम 34 और 47 प्रतिशत ही जलभराव हुआ है। ओंकारेश्वर-खरगोन बांध 51 प्रतिशत ही भरा है। आसपास के क्षेत्रों में वर्षा से लगातार पानी बढ़ रहा है। --आईएएनएस एसएनपी/एएनएम

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