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लखनऊ के चिड़ियाघर को मिले 2 तेंदुए और स्लो लोरिस

लखनऊ, 18 मार्च (आईएएनएस)। लखनऊ चिड़ियाघर को सात साल के अंतराल के बाद दो तेंदुए मिले हैं। 2015 में गुर्दे की विफलता के कारण आखिरी बड़ी बिल्ली (तेंदुआ) की मौत के बाद से तेंदुए का बाड़ा खाली पड़ा था। दो तेंदुओं के अलावा, तीन स्लो लोरिस (दक्षिण एशिया का हृष्टपुष्ट बंदर की प्रजाति) और दो हिमालयी भालू चिड़ियाघर में नए आकर्षण हैं। तेंदुआ एक छोटी जंगली बिल्ली है, जो महाद्वीपीय दक्षिण, दक्षिण पूर्व और पूर्वी एशिया की मूल निवासी है, जबकि स्लो लोरिस निशाचर स्ट्रेप्सिरहाइन प्राइमेट है। हिमालयी भालू नेपाल, तिब्बत, पश्चिम चीन, उत्तर भारत, उत्तरी पाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, पूरे किर्गिस्तान और दक्षिण-पूर्व कजाकिस्तान में पाया जाता है। नए जानवरों को नागालैंड जूलॉजिकल पार्क के साथ पशु विनिमय कार्यक्रम के तहत लखनऊ लाया गया है। 2005 तक शहर के चिड़ियाघर में स्लो लोरिस था। एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत लखनऊ चिड़ियाघर ने हॉग डियर की एक जोड़ी और घड़ियाल के दो जोड़े (मछली खाने वाले मगरमच्छ) को नागालैंड भेजा है। चिड़ियाघर के एक अधिकारी ने कहा, नए जानवरों को 15 दिनों के लिए विशेष देखभाल के तहत क्वारंटीन रखा जाएगा और आगंतुक (विजिटर्स) क्वारंटीन खत्म होने के बाद ही उन्हें देख पाएंगे। --आईएएनएस एकेके/एएनएम

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