लखनऊ को मार्च 2023 तक मिलेगा यूपी का पहला नेचुरल हिस्टरी म्यूजियम

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लखनऊ, 16 मई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में लखनऊ चिड़ियाघर परिसर में एक नेचुरल हिस्टरी म्यूजियम बन रहा है और मार्च 2023 तक इसके तैयार होने की उम्मीद है। संग्रहालय लाखों साल पहले मौजूद पक्षियों और जानवरों, विलुप्त और लुप्तप्राय प्रजातियों के बारे में जानकारी प्रदान करेगा। उत्तर प्रदेश में इस तरह का यह पहला संग्रहालय होगा और इसमें पिछले 200 वर्षों में दुनिया भर के विभिन्न स्थानों से विशेषज्ञों द्वारा एकत्र किए गए जानवरों और पक्षियों के लगभग 6,000 नमूने होंगे। संग्रहालय की प्राकृतिक इतिहास दीर्घा में जगह की कमी के कारण यह संग्रह लंबे समय से राजकीय संग्रहालय में पड़ा हुआ है। अभी तो प्राकृतिक इतिहास के लिए एक अलग संग्रहालय बनाने का काम शुरू हुआ है और वह 10 महीने में पूरा हो जाएगा। हालांकि, 2019-20 के राज्य के बजट में तीन मंजिला संग्रहालय भवन के लिए 22 लाख रुपये स्वीकृत किए गए थे, लेकिन कोविड -19 के कारण परियोजना में देरी हुई। आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार, संग्रहालय में डमी के रूप में स्तनधारियों, उभयचरों, सरीसृपों, पक्षियों और जलीय जानवरों के नमूने प्रदर्शित करने वाली पांच दीर्घाए होंगी। इसके अलावा, खाल, अंडे, जीवाश्म और कंकाल प्रदर्शित किए जाएंगे। आगंतुक उन जानवरों के बारे में जानने में सक्षम होंगे जो अब विलुप्त हो चुके हैं, विलुप्त होने के करीब, दुर्लभ, गंभीर रूप से लुप्तप्राय या लुप्तप्राय जानवरों के साथ-साथ आमतौर पर पाए जाने वाले जानवरों के बारे में भी जान सकेंगे। गैलरी को इस तरह से डिजिटाइज किया जाएगा कि प्रत्येक अनुभाग में स्क्रीन से जुड़े बटन आगंतुकों को जानवरों की आवाज और उनके बारे में ऑडियो-विजुअल प्रारूप में सुनने में मदद करेंगे। मुख्य आकर्षण रोबोटिक्स के सिद्धांत पर बने डायनासोर का आदमकद वर्किं ग मॉडल होगा। राज्य संग्रहालय के सहायक निदेशक और नेचुरल हिस्टरी म्यूजियम के प्रभारी अलशाज फातमी ने कहा कि हमारा मकसद हर किसी को पर्यावरण से जुड़ाव महसूस करने का मौका देना है। आधुनिक तकनीक और ऑडियो-विजुअल माध्यम का समावेश न केवल संग्रहालय को इंटरैक्टिव बनाए जाएंगे, लेकिन आगंतुकों को प्रदर्शनियों के बारे में जानने में भी मदद करेंगे। राज्य संग्रहालय के निदेशक आनंद कुमार सिंह ने कहा कि देश में कई नेचुरल हिस्टरी म्यूजियम हैं। उत्तर प्रदेश में लखनऊ में यह पहला होगा। कुल मिलाकर, राज्य में चार संग्रहालय हैं, पर्सनेलिया संग्रहालय, पुरातत्व संग्रहालय, लोक कला संग्रहालय और राज्य संग्रहालय। एक आदिवासी संग्रहालय भी निर्माणाधीन है। --आईएएनएस एमएसबी/आरएचए

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