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लखनऊ, 16 मई (आईएएनएस)। लखनऊ विश्वविद्यालय (एलयू) के शिक्षकों ने प्रोफेसर रविकांत को समर्थन किया है जिनके साथ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से संबद्ध छात्रों ने पिछले हफ्ते एक चर्चा के दौरान ज्ञानवापी विवाद पर टिप्पणी करने पर टोका टाकी की थी और हाथापाई की थी।

लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (एलयूटीए) ने घटना की निंदा की और आरोपी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। रविवार शाम को हुई शिक्षक संघ की बैठक में कार्यकारी समिति ने दलित प्रोफेसर की शिकायत पर छात्रों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए विश्वविद्यालय के अधिकारियों और पुलिस की आलोचना करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है। पुलिस ने छात्रों की शिकायत पर शिक्षक के खिलाफ फौरन प्राथमिकी दर्ज की थी लेकिन पीड़ित की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसी तरह लखनऊ विश्वविद्यालय ने शिक्षक से स्पष्टीकरण मांगा था और छात्रों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी। शिक्षक संघ के महासचिव राजेंद्र वर्मा ने कहा- एलयूटीए उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करती है जिन्होंने रविकांत को परेशान किया और उनके खिलाफ जातिवादी टिप्पणी की। विश्वविद्यालय को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी चीजें न हों। एलयूटीए यह भी मांग करती है कि विश्वविद्यालय प्रशासन को दिए गए प्रोफेसर रविकांत के पत्र पर आवश्यक कार्रवाई की जाए। हमें इस बात का भी अफसोस है कि पुलिस ने उनकी शिकायत पर अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की है। --आईएएनएस पीजेएस

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