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मप्र में कोरोना के प्रति जागृति लाने के लिए गूंज रहे स्थानीय बोली के गीत

भोपाल, 25 जून (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए स्थानीय बोली का सहारा लिया जा रहा है। जगह-जगह स्थानीय बोली के गीत भी गूृंज रहे हैं। इन गीतों और संदेशों के जरिए कोरोना वैक्सीन के लाभ गिनाए जा रहे हैं। साथ ही कोरोना नियंत्रण के लिये अनुकूल व्यवहार अपनाने जन-जागरूकता के लिये अनेक नवाचार भी किये जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य रूप से कोरोना वॉलेंटियर्स लगातार ग्रामीणों से सम्पर्क कर विभिन्न तरीकों को अपनाते हुए जागरूकता के कार्य में लगे हैं। उमरिया जिले के ग्रामीण अंचलों में ग्रामवासियों को वैक्सीन का महत्व समझाने और वैक्सीनेशन कराने के लिये गीतों के माध्यम से संदेश देकर प्रेरित किया जा रहा है। ग्राम पंचायत पिपरिया में जन अभियान परिषद से जुड़े कोरोना वॉलेंटियर स्थानीय बोली में गीत गाकर टीकाकरण के लिए ग्रामीणों को जागरूक कर रहे हैं। कोरोना वालेंटियर हिमांशु तिवारी बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में मनोरंजन के साथ कोरोना नियंत्रण के लिये रखी जाने वाली सावधानियों और वैक्सीन से होने वाले फायदों से ग्रामवासियों को अवगत कराने का सिलसिला जारी है। इसके सकारात्मक परिणाम भी मिल रहे हैं। समझाइश के बाद गांव के लोग न केवल वैक्सीन लगवाने को तैयार हुए, बल्कि कोविड नियंत्रण के लिये अनुकूल व्यवहार भी अपना रहे हैं। वालेंटियर बता रहे हैं कि, यह टीका नहीं संजीवनी है-टीके के हथियार से कोरोना बीमारी को हराना है जैसे प्रभावी संदेशों को गीतों के माध्यम से जनता के बीच में पहुंचाया जा रहा है। साथ ही वैक्सीन के संबंध में फैली अफवाहों को दूर करने का काम भी कोरोना वॉलेंटियर्स कर रहे हैं। --आईएएनएस एसएनपी/एएनएम

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