korba-82-year-old-mangalaso-bai-of-aurai-village-became-the-inspiration-for-kovid-vaccination
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कोरबा:कोविड वेक्सीनेशन की प्रेरक बनी औराई गांव की 82 वर्षीय मंगलासो बाई

खुद दोनों डोज लगवाये, गांव के दूसरे लोगों को भी किया प्रेरित , 332लोगों ने लगवाया टीका कोरबा, 18 मई (हि स)। कोरबा जिले के करतला विकासखंड के औराई गांव की 82 वर्षीय बुजुर्ग मंगलासो बाई पूरे गांव के लिए कोरोना वेक्सीनेशन की मुख्य प्रेरक बन गई है। जब गांव के लोग कोरोना के टीके को लेकर फैली भ्रांतियों से घिरकर टीका लगवाने से कतरा रहे थे ,तब मंगलासो बाई ने टीका लगवाकर सभी मिथकों को दरकिनार कर दिया और अब वे पूरे गांव के लिए कोरोना टीका लगवाने की मार्गदर्शक बन गई है। मंगलासो बाई की प्रेरणा से गांव के 332 लोगों ने अब तक कोरोना से बचने के लिए टीका लगवा लिया है। 45 वर्ष से अधिक उम्र के 273 और 18 साल से अधिक उम्र के 59 लोगों ने इस गांव में कोरोना को फैलने से रोकने के लिए बचाव कवच पहन लिया है। देश की आजादी से पहले 1939 में जन्मी मंगलासो बाई करतला विकासखंड में धुर आदिवासी क्षेत्र की निवासी है। कोरोना संक्रमण वैसे तो इस क्षेत्र में ज्यादा नहीं है परंतु फिर भी जिला प्रशासन ने बचाव के लिए यहां टीकाकरण अभियान चलाया है। 18 साल से अधिक 44 साल तक के अंत्योदय, बीपीएल, एपीएल और फ्रंट लाईन वर्करों से लेकर 45 साल से अधिक के लोगों को तेजी से कोरोना की वेक्सीन लगाई जा रही है। मंगलासो बाई अपने घर में अकेले ही रहती है और इस उम्र में भी पूरी सक्रियता के साथ दैनिक दिनचर्या के अपने सभी काम वह खुद ही करती हैं। उनके पास प्राथमिकता परिवार का राशनकार्ड है, जिस पर उन्हें हर माह शासन के नियमानुसार दस किलो चावल मिलता है। मंगलासो बाई बताती है कि मार्च में जब कोरोना का टीका लगाने का काम गांव में शुरू हुआ तो लोग टीके के बारे में फैली भ्रांतियों से डर कर टीका लगवाने से कतराते थे। टीका लगाने से तबीयत खराब होगी, कोरोना होगा, मौत हो सकती है, जैसी अफवाहों को मंगलासो बाई ने 13 मार्च को पहला टीका लगवाकर झुठला दिया। टीका लगाने के बाद थोड़ा बदन दर्द और सिर दर्द हुआ। दूसरे ही दिन मंगलासो बाई का पूरा दर्द ठीक हो गया और गांव वालों ने उन्हें पहले की तरह ही काम करते देखा। टीका लगने के बाद भी बुजुर्ग मंगलासो बाई के पहले की तरह ही काम करने, तबीयत ठीक रहने से लोगों में कोरोना वेक्सीन को लेकर फैले भ्रम और अफवाहों पर विराम लग गया। लोगों को मंगलासो बाई ने भी समझाया। उन्होंने 11 मई को फिर से कोरोना टीके का दूसरा डोज लगवाया। अभी भी वे पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं। मंगलासो बाई के साथ मितानीन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने भी लोगों को कोरोना महामारी के बारे में बताया। कोराना की भयावहता, बार-बार हाथ धोने, मास्क पहनने से लेकर एक दूसरे से दो गज की दूरी रखने के बारे में भी पूरी जानकारी ग्रामीणों को दी गई। हिन्दुस्थान समाचार / हरीश तिवारी

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