karnataka-class-10-pass-rate-8563-percent-girls-and-rural-students-got-better-marks
karnataka-class-10-pass-rate-8563-percent-girls-and-rural-students-got-better-marks

कर्नाटक कक्षा 10 की पास दर 85.63 फीसदी, लड़कियां व ग्रामीण छात्र लाए बेहतर अंक

बेंगलुरु, 19 मई (आईएएनएस)। कर्नाटक शिक्षा विभाग ने गुरुवार को बहुप्रतीक्षित, महत्वपूर्ण एसएसएलसी (कक्षा 10) परिणामों की घोषणा की, जिसमें 85.63 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए, जबकि लड़कियां लड़कों से आगे निकल गईं। प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बी.सी. नागेश ने यह भी घोषणा की कि ग्रामीण छात्रों ने शहरों में पढ़ने वालों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। शहरी क्षेत्रों के छात्रों का उत्तीर्णता प्रतिशत जहां 86.64 प्रतिशत रहा, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों का यह 91.32 प्रतिशत रहा। लड़कों ने 86.34 प्रतिशत पास दर्ज किया है, जबकि 92.44 प्रतिशत लड़कियां पास हुईं। अनुसूचित जाति के छात्रों ने 86.80 प्रतिशत सफलता दर दिखाई, जबकि अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए यह 88.96 प्रतिशत थी। कुल 145 छात्रों ने 625 में से पूरे 625 अंक हासिल कर पहली रैंक हासिल की है। परीक्षा में शामिल हुए 8,73,859 छात्रों में से 8,53,436 ने परीक्षा दी थी। 2020-21 में पास प्रतिशत 99.99 प्रतिशत और 2019-20 में 72.42 प्रतिशत था। परीक्षा में शामिल हुए 4,667 दिव्यांग बच्चों में से 3,762 उत्तीर्ण हुए हैं। पूरक परीक्षा जून में होगी। एसएसएलसी परीक्षा आयोजित करना सत्तारूढ़ भाजपा के लिए लिटमस टेस्ट माना जाता था। हिजाब संकट और राजनीतिक ड्रामे के बीच अधिकांश छात्रों ने परीक्षा में भाग लिया था। मुस्लिम छात्राओं में से कुछ को छोड़कर बाकी ने इस महत्वपूर्ण परीक्षा में शामिल होने के लिए हिजाब पहनना छोड़ दिया। कोविड महामारी के बाद यह पहली बार था कि परीक्षा सामान्य पैटर्न पर आयोजित की गई थी। राज्यभर में और लगभग 3,444 परीक्षा केंद्रों पर धारा 144 लागू कर दी गई और किसी भी प्रदर्शन या अप्रिय घटना से बचने के लिए कड़ी पुलिस सुरक्षा दी गई। परीक्षाओं की निगरानी के लिए करीब 60,000 सरकारी अधिकारियों को लगाया गया था। --आईएएनएस एसजीके/एएनएम

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in