कारगिल शहीद की बीरनारी को सरकार से शिकायत, विजय दिवस पर निकाला मन का गुबार
कारगिल शहीद की बीरनारी को सरकार से शिकायत, विजय दिवस पर निकाला मन का गुबार

कारगिल शहीद की बीरनारी को सरकार से शिकायत, विजय दिवस पर निकाला मन का गुबार

पति के बीरगति को प्राप्त होने के बाद, बेटे को भी देश सेवा में भेजा फर्रुखाबाद, 26 जुलाई (हि.स.)। कारगिल विजय दिवस पर एक शहीद की वीर नारी को मलाल है कि सरकार ने उसके साथ वायदा खिलाफ की है। सरकार की वायदा खिलाफी और अपने पति की देशहित में कुर्वानी को याद कर उसकी आंखें भर आईं। वह कहने लगी कि पति के शहीद होने के बाद उसने अपने परिवार की जिम्मेवारी वखूबी निभाई। बेटे को पड़ा लिखाकर देश सेवा के लिए सेना में भर्ती करा दिया। फर्रुखाबाद जिले के सेंट्रल जेल चौराहा के रहने वाले मलेटरी सिंह जनवरी 1999 को घर पर छुट्टी आये थे।उनकी पत्नी गीता देवी बताती हैं कि जब कारगिल युद्ध छिड़ा, उसके बाद सेना के जवान मिलेटरी सिंह को बुलावा आने पर घर-परिवार की चिंता छोड़ युद्ध भूमि की ओर निकल पड़े। 13 फरवरी 1999 को वह दुश्मन से लोहा लेते समय बीरगति को प्राप्त हो गए। इसके बाद तिरंगे में लिपटा शव घर पहुंचा। कारगिल का युद्ध हुए 21 वर्ष गुजर गये, लेकिन शहीद का परिवार आज भी सरकार से वायदा खिलाफी का गिला कर रहा है। गीता का कहना है कि पति की शहादत के बाद सरकार ने पेट्रोल पंप देने का वायदा किया था। जिसे आज भी पूरा नहीं किया गया, जिसका उसे मलाल है। लेकिन वहीं गर्व भी कि उनकी मांग का सिंदूर देश के लिए काम आया। मिलेटरी सिंह 13 फरवरी 1999 को कारगिल युद्ध में “आपरेशन रक्षक” के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए थे। मिलेटरी सिंह ने तो देश सेवा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देकर देश सैनिक की जिम्मेदारी का निर्वहन किया। वहीं दूसरी तरह उनकी पत्नी वीरनारी गीता देवी ने 21 वर्षों से अपनी संतानों को पिता की वीरगाथा की कहानी सुनाकर परवरिश कर परिवार की जिम्मेदारी भी किसी सैनिक से कम नहीं निभायी। कारगिल विजय दिवस पर वीर नारी गीता देवी ने बताया कि पाक के नाम से आज भी उनका खून खौलने लगता है। उन्होंने पति के शहीद होने के बाद बड़े बेटे को भी सेना में भेज दिया। दो और बेटे हैं जिनको भी वह सेना में भेजकर देशसेवा कराना चाहती है। उसने बताया कि पति मिलेटरी सिंह की शहादत के बाद केंद्र सरकार ने लंबी-चौड़ी घोषणाएं कीं। तमाम आश्वासन मिले, लेकिन सब कागजों में ही हैं। आज तक घोषणा में शामिल पेट्रोल पम्प नहीं मिल सका। पति की शहादत के वक्त सरकार द्वारा किए गए वायदों के पूरे नहीं हाेने का उन्हें मलाल है। हिन्दुस्थान समाचार/चन्द्रपाल/राजेश-hindusthansamachar.in

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