
गुवाहाटी, 23 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने गुरुवार को कामरूप जिला के अंतर्गत रंगिया में सोलमारी का दौरा किया जो पुठिमरी नदी के बाढ़ के पानी से प्रभावित है और बाढ़ के कारण होने वाले नुकसान और सरकारी राहत के उपायों का आंकलन किया। उन्होंने रंगिया टीटी कॉलेज में जिला प्रशासन द्वारा स्थापित बाढ़ राहत शिविर का भी दौरा किया। मुख्यमंत्री ने राहत शिविर में रहने वाले लोगों के साथ बातचीत की और उनकी स्थिति के साथ-साथ शिविर में परोसे जा रहे खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता का भी जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि राज्य के 27 जिलों मौजूदा बाढ़ ने बुरी तरह प्रभावित किया है और कई लोगों का जीवन लील लिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार रंगिया उप-मंडल में पुठिमरी नदी के बाढ़ के पानी के कारण हुए नुकसान को गंभीरता से लेती है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन को बाढ़ प्रभावित लोगों को सभी आवश्यक सहायता के लिए कहा गया है। इसके अलावा, जल संसाधन विभाग को निर्देश किया है कि वे बोगोरीबारी में पुठिमरी नदी की वजह से क्षतिग्रस्त तटबंध की मरम्मत के लिए तत्काल कदम उठाए, उन्होंने कहा कि इसके लिए फंड भी जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने असम की बाढ़ और क्षरण समस्या को दूर करने के लिए गंभीर प्रयास किए हैं, मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग की अध्यक्षता में समग्र दृष्टिकोण अपनाने के लिए उत्तर पूर्व जल प्रबंधन प्राधिकरण के लिए प्रधान मंत्री द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति की स्थापना के लिए सिफारिश की गई। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार संसद के आगामी सत्र में इस आशय के अध्यादेश पारित करने के लिए कदम उठाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की पहल से राज्य की बाढ़ और कटाव समस्या का स्थायी समाधान होगा। उन्होंने अपनी पहल के लिए प्रधानमंत्री को भी धन्यवाद दिया। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य कई प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं के खिलाफ लड़ रहा है जैसे कि कोरोना, बाढ़, कटाव, तूफान, भू-स्खलन, चाय बागान गैस कुंए में लगी आग पदा शामिल हैं। उन्होंने इस कठिन समय में इन मुद्दों से निपटने में लोगों के सहयोग की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का व्यक्तिगत दौरा किया है और लोगों से बातचीत कर उनकी स्थिति के बारे में जानकारी हासिल की है। सरकारी राहत उपायों की गुणवत्ता का भी आंकलन किया है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार बाढ़ राहत कार्यों में किसी भी भ्रष्टाचार या विसंगति को बर्दाश्त नहीं करेगी और भ्रष्ट आचरण करने वालों के खिलाफ कड़ी दंडात्मक कार्रवाई करने की चेतावनी दी। मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान जल संसाधन मंत्री केशव महंत, सिंचाई राज्य मंत्री भबेश कलिता, सांसद दिलीप सैकिया, विधायक सत्यब्रत कलिता, डीसी कैलाश कार्तिक, एसपी पार्थ सारथी महंत और जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बाद में, मुख्यमंत्री ने दरंग जिला के मंगलदै राजस्व सर्कल के तहत जनाराम चौका, शक्तिटोला और अन्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने नोनोई नदी के कारण तटबंधों को हुए नुकसान के मरम्मत कार्यों का निरीक्षण करने के अलावा शक्तोला और नोनोई नदियों द्वारा बाढ़ और कटाव के कारण हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने जल संसाधन विभाग को दरंग जिला में बाढ़ के पानी से क्षतिग्रस्त तटबंधों की शीघ्र मरम्मत करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने मंगलदै महर्षि बिद्या मंदिर में स्थापित एक राहत शिविर का भी दौरा किया और वहां रह रहे लोगों से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने सर्किट हाउस कॉन्फ्रेंस हॉल में जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और कोरोना और बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने प्रभावित लोगों को सर्वोत्तम संभव सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन को कई निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के जिले के दौरे के दौरान जल संसाधन मंत्री केशव महंत, सांसद दिलीप सैकिया, विधायक गुरुज्योति दास उपस्थित थे। हिन्दुस्थान समाचार / अरविंद-hindusthansamachar.in