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2 तेंदुओं की सफारी वाला जयपुर बना भारत का इकलौता शहर

जयपुर, 23 मई (आईएएनएस)। राजस्थान की राजधानी जयपुर, अमागढ़ परियोजना के शुभारंभ के बाद दो तेंदुओं की सफारी वाला भारत का पहला शहर बन गया है। अमागढ़ 1,524 हेक्टेयर में फैली अरावली पर्वत श्रृंखला में एक आरक्षित वन खंड है और इसमें 15 तेंदुए हैं। तेंदुए के अलावा, यहां पाए जाने वाले अन्य वन्यजीवों में मांसाहारी श्रेणी में लकड़बग्घा, सियार, जंगली बिल्लियाँ, लोमड़ी और सिवेट बिल्लियाँ हैं, जबकि शाकाहारी श्रेणी में नीलगाय, एशियाई हिरण (सांभर), खरगोश आदि हैं। राज्य के वन विभाग ने 2017 में प्रोजेक्ट लेपर्ड के तहत वन्यजीव संरक्षण में प्रयास किए थे, जिसके बाद झालाना रिजर्व में तेंदुओं की संख्या बढ़ने लगी। 2018 में तेंदुओं की संख्या लगभग 20 थी, और वर्तमान में लगभग 40 हैं। पिछले तीन वर्षों (जनवरी 2019 से अगस्त 2021) में कुल 35 शावकों का जन्म हुआ है। अमागढ़ वन क्षेत्र का उपयोग तेंदुओं और अन्य वन्यजीवों द्वारा गलियारे के रूप में किया जाता है। झालाना के जंगल केवल 1,978 हेक्टेयर में फैले हुए हैं, जो तेंदुओं के लिए सीमित स्थान है इसलिए निवास स्थान की तलाश में उप-वयस्क तेंदुए अमागढ़ और लालबेरी वन क्षेत्रों की ओर बढ़ रहे हैं। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक ऐसे में तेंदुओं की संख्या बढ़ेगी। अधिकारियों ने पुष्टि करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में सफारी दो पालियों में आयोजित की जाएगी - सुबह और शाम। भीड़भाड़ से बचने और पर्यटन को विनियमित करने के लिए प्रत्येक पाली में सीमित संख्या में वाहनों को ही जाने की अनुमति होगी। पर्यटकों की सुविधा के लिए सफारी टिकट ऑनलाइन उपलब्ध होंगे और बुकिंग वेबसाइट पर की जा सकती है। अधिकारियों ने कहा कि मनमोहक जंगल के माध्यम से ड्राइव का आनंद लेने और ड्राइव के दौरान तेंदुए, लकड़बग्घा, रेगिस्तानी लोमड़ी और अन्य पक्षियों और जानवरों की तस्वीरें क्लिक करने के अलावा, पर्यटक क्षेत्र के आसपास के कुछ सुंदर ²श्यों का भी आनंद ले सकते हैं। क्षेत्र के अंदर कई किले और मंदिर हैं जैसे गलता मंदिर, अमागढ़ किला, रघुनाथ किला और अमाबामाता मंदिर। --आईएएनएस एमएसबी/एएनएम

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