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रेगिस्तान में 8 फरवरी से दम दिखाएंगी भारत-अमेरिकी सेनाएं

- बीकानेर क्षेत्र के महाजन फायरिंग रेंज में यह द्विपक्षीय प्रशिक्षण अभ्यास 21 फरवरी तक चलेगा - भारत के साथ सैन्य युद्धाभ्यास के लिए राजस्थान पहुुंचा 270 अमेरिकी सैनिकों का दल राजीव जोशी श्रीगंगानगर, 06 फरवरी (हि.स.)। भारत के साथ 8 फरवरी से होने वाले संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने के लिए शनिवार को अमेरिकी सैन्य दल राजस्थान के सूरतगढ़ में पहुंच गया। देश की पश्चिमी सीमा से सटे पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर के समीप बीकानेर क्षेत्र के महाजन फायरिंग रेंज में यह द्विपक्षीय प्रशिक्षण अभ्यास 21 फरवरी तक चलेगा। अभ्यास में भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व सप्त शक्ति कमान की 11 वीं बटालियन, जम्मू-कश्मीर राइफल्स करेगी। अमेरिकी सेना का प्रतिनिधित्व 2 इन्फैंट्री बटालियन, 3 इन्फैंट्री रेजिमेंट, 1-2 स्ट्राइकर ब्रिगेड कॉम्बैट टीम के सैनिकों करेंगे। रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल अमिताभ शर्मा ने बताया कि सूरतगढ़ आने के उपरान्त अमेरिकी सैन्य दल अभ्यास क्षेत्र महाजन फील्ड फायरिंग रेंज के लिए रवाना हो गया जहां दोनों देशों की सेनाओं का युद्धाभ्यास सोमवार 08 फरवरी से शुरू होगा। भारतीय सेना ने अमेरिकी सेना के दल का सैन्य शिष्टाचार के अनुसार गर्मजोशी से स्वागत किया। दोनों देशों की सैन्य टुकड़ियों के कमांडरों और सैनिकों ने एक-दूसरे को शुभकामनाएं दी। भारत और अमेरिकी सेनाओं के बीच 2004 में शुरू हुए द्विपक्षीय अभ्यासों की श्रृंखला में यह युद्धाभ्यास सोलहवां संस्करण है। संयुक्त अभ्यास का पिछला संस्करण सिऐटल, संयुक्त राज्य अमेरिका में आयोजित किया गया था। यह द्विपक्षीय युद्धाभ्यास रेगिस्तानी इलाके की पृष्ठभूमि में काउंटर टेररिज्म ऑपरेशन पर ध्यान केंद्रित करेगा। अभ्यास के दौरान प्रतिभागी संयुक्त योजना, संचालन, संयुक्त सामरिक अभ्यासों से मिशन में संलग्न होंगे और क्षेत्रीय कमांडरों और सैनिकों के पेशेवर मामलों में एक-दूसरे के साथ बातचीत कर इस अभ्यास को सफल बनाएंगे। लेफ्टिनेंट कर्नल शर्मा ने बताया कि भारतीय और अमेरिकी सेनाओं के बीच यह अभ्यास द्विपक्षीय सम्बंधों को बढ़ावा देने, अंतर संबंधों को बढ़ाने, सर्वोत्तम प्रथाओं और अनुभवों का आदान-प्रदान करने में महत्वपूर्ण साबित होगा। यह युद्धाभ्यास भारत और अमेरिका के बीच चल रहे सबसे बड़े सैन्य प्रशिक्षण और रक्षा सहयोग प्रयासों में से एक है। यह संयुक्त अभ्यास दोनों देशों के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग में एक और कदम है, जो भारत-अमेरिका के बीच संबंधों में लगातार हो रही वृद्धि को दर्शाता है। संयुक्त द्विपक्षीय अभ्यास इस बात का भी संकेत है कि भारत और अमेरिका दोनों आतंकवाद के खतरे को समझते हैं और उसी का मुकाबला करने में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। हिन्दुस्थान समाचार-hindusthansamachar.in

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