श्रीनगर, रफ्तार डेस्क। 2024 की जंग के लिए सत्ता और विपक्ष की जंग 'इंडिया' और 'भारत' जैसे शब्दों पर आकर टिक गई है। मणिपुर और महंगाई जैसे मुद्दे धीरे-धीरे पीछ छूटते जा रहे हैं। हर नेता इस जंग में अपनी अपनी बात रख रहा है। इसी कड़ी में जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि भारत और इंडिया दोनों संविधान का हिस्सा हैं और लोगों को दोनों में से किसी एक का उपयोग करने का अधिकार होना चाहिए। उमर अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि अगर सरकार विपक्षी गठबंधन के इस्तेमाल के कारण इंडिया का नाम बदलकर भारत करना चाहती है, तो हर चीज का नाम बदलने का बोझ देश पर डालने के बजाय हम गठबंधन का नाम बदल देंगे।
दोनों नाम संविधान में
पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हम दोनों नामों का उपयोग करते हैं और दोनों संविधान में हैं। व्यक्तियों को किसी एक का उपयोग करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। दोनों को संविधान में रहना चाहिए। उन्होंने कहा क्या आप भारतीय स्टेट बैंक, आईआईटी और आईआईएम के नाम भी बदल देंगे।
बदल देंगे गठबंधन का नाम
उन्होंने कहा कि अगर हमें यह संकेत मिलता है कि वे इंडिया का नाम बदलकर भारत कर रहे हैं क्योंकि गठबंधन इसका उपयोग कर रहा है, तो हम गठबंधन का नाम बदल देंगे। हम देश का खर्च नहीं बढ़ाना चाहते, हम इसे कम करने के लिए यहां है।
एक राष्ट्र एक चुनाव के प्रस्ताव पर साफ किया स्टैंड
एक राष्ट्र, एक चुनाव प्रस्ताव के बारे में अब्दुल्ला ने कहा कि जब तक इसका उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को सरल बनाना है, तब तक उन्हें इससे कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन अगर इसका उद्देश्य क्षेत्रीय दलों को कमजोर करना है तो वे इसकी अनुमति नहीं देंगे।
भाजपा और विपक्ष में चल रही जंग
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि भारत नाम हमारे पूर्वजों ने दिया था। इस बीच भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा किया जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में संबोधित किया गया है। इसके बाद बुधवार को उमर अब्दुल्ला का यह बयान आया है।
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