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भारत 21वीं सदी की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए वैश्विक दक्षताओं का निर्माण कर रहा है: धर्मेंद्र प्रधान

नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। शिक्षा मंत्रियों की 5वीं पूर्वी एशिया शिखर बैठक (ईएएस) में केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि भारत 21वीं सदी की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए वैश्विक दक्षताओं का निर्माण कर रहा है। बैठक में शिक्षा राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। इस अवसर पर बोलते हुए, धर्मेंद्र प्रधान ने मनीला कार्य योजना में उल्लिखित पूरकताओं के अनुरूप भारत की प्रतिबद्धता को दीर्घकालिक और पारस्परिक रूप से लाभकारी शैक्षिक सहयोग को बढ़ावा देने की पुष्टि की। केंद्रीय मंत्री ने भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों को साझा किया, जिसमें शिक्षा का सार्वभौमिकरण, इक्विटी, गुणवत्ता, सामथ्र्य और लचीलापन सुनिश्चित करना, प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षा और कई अन्य शामिल हैं जो शिक्षा पर मनीला कार्य योजना के सिद्धांतों को बनाए रखते हैं। प्रधान ने पीएम-ईविद्या, स्वयं, दीक्षा आदि जैसे मल्टी-मोडल डिजिटल हस्तक्षेपों के बारे में बात की। जिन्होंने महामारी के दौरान सीखने की निरंतरता सुनिश्चित की और मांग पर सीखने की सुविधा और डिजिटल को पाटने के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के निरंतर प्रयासों पर भी बात की। केंद्रीय मंत्री प्रधान ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के ²ष्टिकोण के अनुरूप, भारत शिक्षा और कौशल को अधिक समावेशी, वहनीय, न्यायसंगत, जीवंत और आकांक्षी बनाने में सार्थक भागीदारी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। धर्मेन्द्र प्रधान ने टीवीईटी सहित अनुसंधान और अकादमिक सहयोग को मजबूत करने, छात्रों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए छात्र और अकादमिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए भारत के समर्थन की भी पुष्टि की। --आईएएनएस जीसीबी/एएनएम

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