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प्रधानमंत्रियों की सूझबूझ से सामर्थ्यशाली बना भारत, बढ़ी वैश्विक पूछ
साम्यवादी सोवियत संघ यानी यूएसएसआर के पतन के साथ ही शीत युद्ध की समाप्ति के बाद पूंजीवादी अमेरिका ने जिस भूमंडलीकरण यानी ग्लोबलाइजेशन और नई आर्थिक नीति यानी न्यू इकोनॉमिक पालिसी को बढ़ावा दिया, उसे तीसरी दुनिया के देशों में नवआर्थिक साम्राज्यवाद करार दिया गया। जिसके तहत दुनिया के थानेदार क्लिक »-www.prabhasakshi.com