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गोइंग फॉरवर्ड, बाय गिविंग बैक अभियान के जरिए 2030 के लक्ष्य पूरा करेगा आईआईटी दिल्ली

नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)। अपनी स्थापना के 60 वर्ष पूरे करने पर आईआईटी दिल्ली गोइंग फॉरवर्ड, बाय गिविंग बैक अभियान चला रहा है। अभियान के माध्यम से आईआईटी दिल्ली दुनिया भर के अपने पूर्व छात्रों तक पहुंच कर फंड एकत्र करेगा। इस अभियान के माध्यम से आईआईटी दिल्ली 2030 के लिए तैयार किए गए अपने ²ष्टिकोण को साकार करने के लिए पूर्व छात्रों से समर्थन मांग रहा है। 2020 में संस्थान के डायमंड जुबली समारोह का उद्घाटन करते हुए भारत के उपराष्ट्रपति द्वारा जारी विजन 2030 दस्तावेज में आईआईटी दिल्ली ने पांच दीर्घकालिक प्राथमिकताओं पर केंद्रित अपनी रणनीति को रेखांकित किया है। इनमें शिक्षण और अनुसंधान को सु²ढ़ बनाना। चुनिंदा क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी नेतृत्व में निवेश करना, उद्योग की व्यस्तताओं में सुधार। पूर्व छात्रों, छात्रों और शिक्षकों के लिए एक विश्व स्तरीय उद्यमिता केंद्र की स्थापना करना और मजबूत पूर्व छात्र जुड़ाव टीमों का निर्माण शामिल है। आईआईटी द्वारा की गई कुछ नवीनतम पहलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्कूल की स्थापना, परिवहन अनुसंधान और इंजरी रोकथाम के लिए एक केंद्र, ऊर्जा विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग की स्थापना, सामग्री विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग और डिजाइन विभाग शामिल हैं। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और सार्वजनिक नीति में परास्नातक कार्यक्रम भी आरंभ किए गए हैं। आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर वी. रामगोपाल राव ने गोइंग फॉर गिविंग बैक अभियान की शुरूआत की घोषणा करते हुए कहा कि, 1961 में अपनी स्थापना के बाद से, आईआईटी दिल्ली ने उन लोगों को पोषित और प्रोत्साहित किया है जो दुनिया में सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं। 60 वर्षों के बाद, इस संस्थान ने प्रतिभाशाली लोगों को एक वास्तविक अंतर लाने, नई और विघटनकारी चीजें करने के लिए स्थान देकर और भी अधिक महत्व प्राप्त कर लिया है। हमारा पूर्व छात्र समुदाय विभिन्न देशों में है, इन छात्रों का प्रतिनिधित्व दुनिया के लगभग हर कोने में है। मुझे बहुत गर्व है कि इस फंड एकत्र करने वाले महत्वपूर्ण अभियान की पहुंच वास्तव में वैश्विक होगी। इस अभियान के जरिए आईआईटी दिल्ली ने विश्वभर में फैले अपने 54,000 से अधिक पूर्व छात्रों तक पहुंचने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। पूर्व छात्र 5 वर्षों में योगदान करने के लिए 3 लाख रुपये से 61 लाख रुपये तक की राशि दे सकते हैं। यह प्रयास कुछ प्रमुख वैश्विक विश्वविद्यालयों के वार्षिक धन उगाहने के ²ष्टिकोण से प्रेरित है, जिन्होंने अपने वार्षिक अभियानों के माध्यम से पूर्व छात्रों के जरिए इस तरह का फंड एकत्रित किया है। आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्रों ने महत्वपूर्ण सफलताएं हासिल की हैं। अकेले पिछले दो दशकों में, उन्होंने 800 से अधिक स्टार्टअप लॉन्च किए हैं, सामूहिक रूप से 19 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की राशि जुटाई है, जिससे संस्थान को दुनिया के शीर्ष दस स्नातक कार्यक्रमों में स्थापित किया गया है। संस्थान ने कहा कि जैसा आईआईटी दिल्ली अपने भविष्य के लिए पाठ्यक्रम निर्धारित करता है, वैसे ही संस्थान ने अपने उच्च स्तर के शिक्षण, अनुसंधान और रणनीतिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अपने वित्त पोषण स्रोतों में विविधता लाने के लिए महत्व की पहचान की है। --आईएएनएस जीसीबी/एएनएम

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