सोशल मीडिया पर कोरोना संबंधी मदद मांगने की पोस्ट पर कार्रवाई की तो मानेंगे अवमानना : एससी

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नई दिल्ली, 30 अप्रैल (आईएएनएस)। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कोविड की स्थिति पर अपनी सुनवाई जारी रखी और कहा कि सूचना पर किसी भी तरह की कार्रवाई को अवमानना माना जाएगा। अदालत ने कहा, हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि यदि नागरिक सोशल मीडिया और इंटरनेट पर अपनी शिकायत दर्ज कराते हैं तो इसे गलत जानकारी नहीं कहा जा सकता है। न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़, नागेश्वर राव और एस रविंद्र की पीठ ने कहा, हम सूचना पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं चाहते हैं। अगर शिकायतों पर कार्रवाई की गई तो हम इसे न्यायालय की अवमानना मानेंगे। इस संदेश को राज्यों और डीजीपी तक पहुंचाइए। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने यह भी पूछा है कि क्या ऑक्सीजन के आवंटन के संबंध में वास्तविक समय अपडेट दिखाने के लिए एक तंत्र विकसित किया जा सकता है। पीठ ने दवा की कमी पर भी चिंता व्यक्त की और पूछा कि अदालत को कानूनी कार्रवाई के डर के बिना जेनेरिक दवाओं को बनाने में सक्षम करने के लिए पेटेंट अधिनियम की धारा 100 और धारा 92 के तहत निर्देश क्यों जारी नहीं करना चाहिए। न्यायालय ने वैक्सीन की मूल्य असामनता को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने सॉलिस्टिर जनरल से पूछा, एक राष्ट्र के रूप में हमें इसका भुगतान क्यों करना चाहिए। 30 रुपये का मूल्य अंतर 40,000 करोड़ रुपये बन जाता है। मूल्य में अंतर का कोई आधार नहीं है। हम आपको निर्देश नहीं दे रहे हैं, लेकिन आपको इस बारे में देखना चाहिए। --आईएएनएस आरएचए/एएनएम

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