रिसाव की जांच करने के लिए नहरों की पहचान करें : पंजाब सीएम
चंडीगढ़, 30 अप्रैल (आईएएनएस)। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को जल संसाधन विभाग को निर्देश दिया कि वह नहरों को साफ करने और कीमती जल संसाधन को बचाने के लिए नहरों को जोड़ने के लिए अधिक क्षेत्रों की पहचान करें। क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कंडी बेल्ट में 72 खराब ट्यूबवेलों को तुरंत बदलने को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव विनी महाजन को प्राथमिकता पर इन के लिए आवश्यक धन आवंटित करने का निर्देश दिया। वर्चुअल सम्मेलन के माध्यम से विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने विभाग से राजस्थान फीडर (41 किमी), सरहिंद फीडर (45 किमी) और साथ ही बिस्स दोआब नहर प्रणाली और बानूर नहर प्रणाली के पुर्नवास शोधन परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए कहा। उन्होंने कहा, हालांकि, इन परियोजनाओं पर महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, बचे हुए काम को गति दी जानी चाहिए। यह बताते हुए कि 33 नई योजनाओं को 473.15 करोड़ रुपये की लागत के साथ-साथ 2021-2022 के बजट में 156.48 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय को शामिल किया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के घटते जल संसाधनों के मद्देनजर उनकी सरकार के लिए राहत कार्य एक बड़ी प्राथमिकता थी। मुख्यमंत्री को बताया गया कि कंडी नहर 1 का पुर्नवास, नियामक संरचनाओं के नवीनीकरण और आधुनिकीकरण और लाहौर शाखा प्रणाली के पुर्नवास, नवीनीकरण और आधुनिकीकरण के साथ-साथ गुरदासपुर और अमृतसर जिलों में सहयोगी कार्यों को आंशिक रूप से निष्पादित किया गया। पंजाब में कुल नहर नेटवर्क की लंबाई 14,500 किलोमीटर है। वर्ष 2021 में, लगभग 2,800 किलोमीटर की नालियों को 40 करोड़ रुपये से साफ किया जाएगा और 60 करोड़ रुपये की बाढ़ सुरक्षा के कामों को मानसून की शुरूआत से पहले अंजाम दिया जाएगा। विभाग ने बैठक की सराहना की गई 8.95 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ बुड्ढा नाले में प्रदूषण को कम करने के लिए नीलों के पलायन के माध्यम से सरहिंद नहर से बुड्ढा नाले में 200 क्यूसेक मीठे पानी को छोड़ने का काम चल रहा है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि मुख्य शाहपुरकंडी बांध पर 65 प्रतिशत कार्य, जो जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा चार साल के निलंबन के बाद दोबारा शुरू किया गया था, पूरा हो गया। बिजलीघर का काम शुरू कर दिया गया है और जून 2023 तक सिविल काम पूरा हो जाएगा और जुलाई 2024 तक बिजली के काम पूरे हो जाएंगे। परियोजना की बिजली उत्पादन अगस्त 2024 में शुरू हो जाएगा और इससे सीधे फायदा 800 करोड़ रुपये का होगा। --आईएएनएस एचके/एएनएम