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मुझे थोड़ी सांस लेनी है: पेररिवलन

चेन्नई, 18 मई (आईएएनएस)। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों में से एक एजी पेररिवलन को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के 31 साल बाद रिहा होने पर एजी पेररिवलन और उनके परिवार के सदस्यों में खुशी का ठिकाना नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने पेररिवलन की रिहाई का आदेश बुधवार को दिया था। तमिलनाडु के तिरुपत्तूर जिले के जोलारपेट्टई में रहने वाले पेररिवलन, उनके पिता कुइलदसन, मां अर्पुथम्मल, बहन अंबुमणि और अन्य कोर्ट के आदेश को सुनकर भावुक हो गए। पत्रकारों से बात करते हुए पेरारिवलन ने कहा, पिछले 31 सालों से हमारे दिमाग में केवल कानूनी लड़ाई थी। मुझे आज रिहा किया गया है। मुझे थोड़ी सांस लेनी है। मैं अपने भविष्य के बारे में अपने परिवार के साथ चर्चा करूंगा। पेररिवलन ने कई वकीलों को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा कानूनी लड़ाई में बिताया है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर इस तरह के मामले में एक आम आदमी पकड़ा जाता है, तो यह एक कठिन काम होगा। उन्होंने कहा कि वह मौत की सजा के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा, मेरी 31 साल की जेल एक संदेश है। मामले में बाकी 6 दोषियों पर उनकी रिहाई के प्रभाव पर उन्होंने कहा, मुझे फैसले का अध्ययन करना है। उन्होंने स्वर्गीय न्यायमूर्ति वी.आर. कृष्णा अय्यर की रिहाई के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखने के लिए धन्यवाद दिया। पेररिवलन ने कहा कि उनकी कानूनी लड़ाई ने उनके माता-पिता की जान ले ली है। पेरिरवलन की मां अर्पुथम्मल ने कहा, अब मेरे बेटे को अपने भविष्य के बारे में सोचना है। पेररिवलन की बहन अंबुमणि ने कहा, आखिरकार यह मुद्दा खत्म हो गया है। इतने साल से हम उसकी रिहाई पर ध्यान लगा रहे थे। अब हम उसके भविष्य को लेकर फैसला करेंगे। बता दें कि वर्तमान में जमानत पर चल रहे पेररिवलन को राज्य सरकार पहले भी कई मौकों पर पैरोल दे चुकी है। पेररिवलन अपने घर पर थे, जब सुप्रीम कोर्ट ने उनकी रिहाई का आदेश दिया। --आईएएनएस एचके/एएनएम

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