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मध्‍य प्रदेश के अस्‍पतालों में नहीं होगी रेमेडीसीवर की कमी, 50 हजार इंजेक्‍शन के ऑर्डर

भोपाल, 10 अप्रैल (हि.स.) । कोरोना के उपचार के लिए आवश्यक रेमेडीसीवर इंजेक्शन की शासकीय अस्पतालों में कोई कमी ना रहे, इसके लिए 50 हजार इंजेक्शन के ऑर्डर दे दिए गए हैं तथा इंजेक्शन आना भी प्रारंभ हो गए हैं। हर दिन कोरोना रिकॉर्ड गति से आगे बढ़ रहा है। देश में 1 लाख 45 हजार एक्टिव केस हैं तो लगभग पांच हजार केस मप्र में एक्टिव हैं । देश में प्रदेश आठवां सबसे संक्रमित राज्य बना हुआ है। यह कहना है प्रदेश की संपूर्ण स्वास्थ्य स्थिति को लेकर अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान का । प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव ने आंकड़ों के साथ शनिवार को मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि अन्य राज्यों के बीच मप्र के लिए लगातार एक ही विषय सबसे अधिक चिंता का है, वह मरीजों के पॉजिटिव रेट का बढ़ना है। यह 12.1 प्रतिशत हो गई है। जोकि देश के औसत से 9.9 से अधिक है । उन्होंने कहा कि पिछले एक सप्ताह में 12 से 13 गुना मरीज बढ़े हैं। इसे रोकने के सभी प्रयास चल रहे हैं। मुख्यमंत्रीजी के सवास्थ्य आग्रह से लेकर सभी जनप्रतिनिधियों के प्रयासों का प्रभाव भी दिखा तथा लोगों ने मास्क का उपयोग भी अपने दैनिक जीवन में बढ़ा दिया, फिर भी हम देख रहे है कि कटनी जिला में 31 प्रतिशत यानी कि हर तीसरा व्यक्ति संक्रमित मिल रहा है। छिंदवाड़ा में आठ प्रतिशत । इसके बगल से लगा जिला नरसिंहपुर में 20 प्रतिशत, झाबुआ में 20 , भोपाल में 24 प्रतिशत संक्रमित कुल जांच में से मिल रहे हैं । सुलेमान ने बताया कि हमने अभी होस्पिटल एडमीशन प्रोटोकॉल भी जारी किया है, जिसमें स्पष्ट है कि किस स्थिति में मरीज को अस्पताल आने की जरूरत होगी । अभी 34 प्रतिशत लोगों को अस्पताल आना पड़ता है। इनमें 26 प्रतिशत लोगों को ऑक्सीजन की जरूरत होती है। जिसमें कि ऑक्सीजन उपभोग 5 लीटर से ज्यादा है तभी उन्हें रेम्डीसिविर इंजेक्शन की जरूरत है, ऐसे कुल 10 प्रतिशत केसो में इस इंजेक्शन की जरूरत पड़ती है। इसीलिए इस इंजेक्शन की भी पर्याप्त उपलब्धता शासकीय अस्पतालों में सुनिश्चित की गई है। इसी तरह अभी निजि संस्थाओं ने 13 हजार 285 विस्तर उपलब्ध कराए हैं। कुल मिलाकर कोरोना के उपचार के लिए जिलों के सरकारी अस्पतालों में कुल 60% तथा निजी अस्पतालों में 47% बिस्तर अभी खाली हैं। उन्होंने बताया कि 22 मार्च तक कुल 64 मिट्रिक टन ऑक्सीजन उपयोग प्रदेश में था जोकि अप्रैल को यह 224 मिट्रिक टन पर पहुंच गया था, इसके बाद पिछले 5 दिनों में यह 234 पर पहुंच गया है। प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। 277 मिट्रिकटन का अभी हमारे पास उपलब्धता है। वहीं टीकाकरण की स्थिति देखें तो अब तक प्रदेश में 54 लाख टीके लग चुके हैं। 60 साल से अधिक में यह 33प्रतिशत तथा 45 पार की उम्र में यह 14 प्रतिशत लगाए जा चुके हैं। जिसमें कि सबसे अधिक प्रभावित भोपाल में 40 प्रतिशत इंदौर में 30 से प्रतिशत से अधिक लोगों को टीका लगाया जा चुका है । जनता का सहयोग इसी प्रकार मिलता रहा तो कोशिश रहेगी कि आगामी चार दिनों में हम अपना 80 प्रतिशत टार्गेट पूरा कर लेंगे । इसी के साथ अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान का कहना था कि प्रदेश के छह जिलों में किल कोरोना 2 अभियान शुरू किया गया जिसमें कि बैतूल, छिंदवाड़ा, बड़वानी, खरगोन, अलीराजपुर और झाबुआ प्रमुख हैं। यहां डोर टू डोर संपर्क करके कोरोना मरीज का पता लगाने का काम करते हुए उसे अस्पताल या होम आइसोलेशन में रखने का काम किया जा रहा है। वहीं शहरों में बड़े कंटेनमेंट जोन बनाने का काम हो रहा है। मरीज के फिजिकल वैरीफिकेशन निर्देश भी जारी किए गए हैं। इसके अलावा कोविड केयर सेंटर हर जिले में बनाए जा रहे हैं, जिम्मेदारी लोकनिर्माण विभाग को दी गई हैं। उन्होंने साथ ही यह भी बताया कि कोरोना के कुल मरीजों में से 67% मरीज होम आइसोलेशन में है तथा 33% मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। अस्पतालों में भर्ती मरीजों में से 18% ऑक्सीजन सपोर्ट पर तथा 8% आईसीयू में है। वर्तमान में प्रदेश में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 30 हज़ार से अधिक है। वहीं, प्रदेश में ऑक्सीजन की उपलब्धता तीन गुना तक बढ़ायी जा चुकी है। अब हमारे अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता 180 एम.टी. है, जो कि पर्याप्त है। इस दौरान अपर मुख्य सचिव, गृह राजेश राजौरा ने भी अपनी बातें पत्रकारों के साथ साझा की और बताया कि कोरोना के इस महासंकट में शासन ने कौन से नियम एवं गाइडलाइन सभी के लिए लागू किए हैं। हिन्दुस्थान समाचार/डॉ. मयंक चतुर्वेदी

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