Hiroshima-Nagasaki: कभी अमेरिका की रडार में आया शहर हुआ था बर्बाद, आज उसी हिरोशिमा में PM मोदी पहुंचेंगे

पीएम मोदी आज जापान के दौर पर है। वे जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इसके बाद जापान की हिरोशिमा शहर जाएंगे।
Hiroshima-Nagasaki
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नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन देशों का दौरा करने के लिए शुक्रवार सुबह को रवाना हो गए है। जापान भी इन्हीं देशों में से एक है। पीएम रात में हिरोशिमा पहुंचेंगे। यहां वह G-7 समिट में हिस्सा लेंगे। आज भी जब आप हिरोशिमा का नाम सुनते हैं, तो एक डरावनी छवि दिमाग में आती है। अब 78 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस शहर में आ रहे हैं।

पीएम फुमियो किशिदा से होगी मुलाकात

जापान पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को सबसे पहले क्वाड सम्मेलन में शामिल होंगे।इसके बाद परमाणु बम के पीड़ितों को सम्मानित करने के लिए हिरोशिमा मेमोरियल जाएंगे। इसके बाद महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। उसके बाद वह कोरिया, वियतनाम और अन्य देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। पीएम मोदी शाम को जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा से मुलाकात करेंगे और फिर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल होंगे।

हिरोशिमा का दो- तिहाई हिस्सा नष्ट हुआ था

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 6 अगस्त, 1945 को लगभग 8:15 बजे अमेरिकी लड़ाकों ने हिरोशिमा पर लगभग 10 किलोमीटर की ऊंचाई से लिटिल बाय परमाणु बम गिराया था। 64 किलो यूरेनियम से बने इस बम को बी-29 (एनोला गे) बॉम्बर में सवार मेजर थॉमस फेरेबी ने गिराया था।

कई हिस्सों में झमाझम बारिश हुई

मैनहट्टन प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में न्यू मैक्सिको में लॉस अलामोस प्रयोगशालाओं में एक बहुत ही गुप्त तरीके से बनाया गया था। इस बम की ताकत 12,500 टन टीएनटी के बराबर थी।

एक मिनट के भीतर हिरोशिमा शहर का 80 प्रतिशत हिस्सा मलबे में तब्दील हो गया था। बम स्थल के 18 मील के दायरे में काली बारिश हुई थी। इसके बाद कई इलाकों में एक घंटे तक झमाझम बारिश हुई।

5 सेकेंड में 80,000 से ज्यादा लोग मारे गए

परमाणु बम 43 सेकेंड बाद जमीन से करीब 585 मीटर की ऊंचाई पर फटा। हिरोशिमा के सबसे व्यस्त पुलों में से एक IOE पर बम गिराया गया था। हालांकि, तेज हवाओं के कारण वह लक्ष्य से 240 मीटर दूर भटक गया। यह बम अस्पताल की छत पर गिरा। बम फटते ही 10 लाख सेल्सियस गर्मी बच गई और महज पांच सेकेंड में 80,000 लोग मारे गए। इस हमले में करीब 130,000 लोगों के मारे जाने की बात कही गई है।

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