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महामारी का डटकर सामना कर रहें है हिमाचल के आदिवासी

शिमला, 11 मई (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने पंचायत के प्रमुखों को दूसरे राज्यों से लौटने वाले लोगों का पता लगाने और उन लोगों को क्वारंटीन करने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया है। इसी के साथ काजा सब डिवीजन अथॉरटी ने भी एक कदम और आगे बढ़ाकर महामारी से अम लोगों और आदिवासी समुदाय को बचाने के सुनिश्चित प्रयास किए हैं। उन्होंने अपने स्वयं के कोविड स्वास्थ्य प्रोटोकॉल को तैयार किए है, जिसमें काजा इलाके में आने वाले सभी लोगों के लिए रैपिड टेस्ट अनिवार्य है, चाहें वो राज्य के ही लोग क्यूं ना हो। इलाके में स्वास्थ्य सुविधाओं के बुनियादी ढांचे की कमी भी है। लोगों के आगमन की दैनिक निगरानी करने वाले एक सरकारी अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि अधिकांश दर्शक, जिनमें अधिकांश निर्माण श्रमिक शामिल हैं, अब स्वैच्छिक रूप से न्यूनतम 14 दिनों के लिए क्वारंटीन पसंद करते हैं। काजा उपखंड में सुरम्य स्पीति घाटी, तिब्बत से सटे हिमालय की चोटियों पर ठंडा रेगिस्तान में फैला एक छोटा सा गांव है, जो आपको बौद्ध धर्म और अनछुई प्रकृति की भूमि पर ले जाता है। वर्तमान में, पर्यटकों का आना लगभग ना के बराबर है। वहां आने वाले लोगों में मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और हिमालयन राष्ट्र नेपाल के श्रमिक शामिल है। स्थानीय स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, अब तक कुल 651 परीक्षण पॉजिटिव पाए गए और उनमें से 611 रिकवर हुए। सक्रिय मामले 37 हैं और अबतक तीन मौतें हुई हैं। पिछले साल हिमाचल प्रदेश में काजा ऐसा पहला उपखंड था जिसने महामारी के प्रसार को रोकने के लिए पूरे ब्लॉक को सैनेटाइज कर दिया था। काजा के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ज्ञान सागर नेगी ने फोन पर आईएएनएस बताया, सोमवार को हलिर्ंग में प्रवेश बिंदु पर एक विशेष परीक्षण पोस्ट स्थापित किया गया था जहां हर आगंतुक को कोविड 19 के लिए परीक्षण किया जाता है। सकारात्मक परीक्षण करने वालों को होम क्वारंटीन की सलाह दी जाती है या सरकारी क्वारंटीन केंद्रों में भेजा जाता है। उन्होंने कहा कि विशेष परीक्षण पद पर पहले दिन 13 लोगों का परीक्षण किया गया और सभी ने नकारात्मक परीक्षण किया। ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर तेनजि़न नॉर्बू ने कहा कि सोमवार को वायरस से सात लोग रिकवर हुए, जबकि राज्य की राजधानी से लगभग 320 किलोमीटर दूर काजा में दो नए मामले सामने आए। कोरोनोवायरस के मामलों में वृद्धि के बीच, राज्य ने पिछले महीने यह अनिवार्य कर दिया कि राज्य में प्रवेश करने वाले आगंतुकों को 72 घंटों की कोविड नकारात्मक रिपोर्ट तैयार करनी होगी। इसके अलावा, उन्हें 14 दिन तक घर से बाहर रहना होगा और स्थानीय अधिकारियों के साथ साथ पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों के निर्वाचित अधिकारियों को उनके आगमन के बारे में जानकारी देनी होगी। तीन घंटे की दैनिक छूट के साथ पहाड़ी राज्य में 16 मई तक कर्फ्यू लगा है। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट नेगी ने कहा कि दोहरे परीक्षण होंगे जिसमें पहला परीक्षण राज्य के प्रवेश बिंदु पर और दूसरा उपखंड में प्रवेश करते समय, प्रत्येक आगंतुक का पता लगाना, जिसमें सरकारी कर्मचारी और स्थानीय लोग शामिल हैं, जो अपने मूल स्थानों पर लौट रहे हैं। उन्होंने कहा कि 65 वर्ष से अधिक और 10 वर्ष से कम आयु के लोगों को विवाह में भाग लेने की अनुमति नहीं है। लाहौल स्पीति जिले में काजा उपखंड में पिछले दो सप्ताह में 46 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। पिछले साल एक स्थानीय महिला ने राज्य के कैबिनेट मंत्री राम लाल मारकंडा को एक स्थानीय विधायक के रूप में वापस जाने को कहा था, क्योंकि वह काजा में आने वाले सभी लोगों के लिए अनिवार्य संगरोध के स्थानीय स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर रहे थे। परेशानी को भांपते हुए मंत्री ने जगह छोड़ना पसंद किया और सीधे राज्य की राजधानी की ओर चल पड़े। विशेष रूप से, काजा एक अनुसूची वी क्षेत्र है और संविधान स्थानीय समुदायों को स्वशासन के लिए सशक्त बनाता है। स्थानीय लोग , मोटे तौर पर 3,000 मीटर और 4,000 मीटर के बीच की ऊंचाई पर रहने वाले बौद्ध मटर, आलू, जौ और गेहूं की खेती करते हैं जो सूखी होती है और इसमें कार्बनिक पदार्थों की कमी होती है। ये पारंपरिक नकदी फसलें गर्मियों में उगाई जाती हैं और अगस्त-सितंबर में उगाई जाती हैं। --आईएएनएस एमएसबी/आरजेएस

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