जैसलमेर में पक्षियों के संरक्षण के लिए हाईवापर ट्रांसमिशन लाइन हटाई जाए: सुप्रीम कोर्ट

highwiper-transmission-line-to-be-removed-for-conservation-of-birds-in-jaisalmer-supreme-court
highwiper-transmission-line-to-be-removed-for-conservation-of-birds-in-jaisalmer-supreme-court

- हाईपावर ट्रांसमिशन लाइन को अंडरग्राउंड करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी के गठन का आदेश नई दिल्ली, 19 अप्रैल (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान और गुजरात सरकार की बिजली कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे राजस्थान के जैसलमेर में फाल्कन और ग्रेट इंडियन बस्टर्ड पक्षियों के संरक्षण के लिए हाईवापर ट्रांसमिशन लाइन को हटाकर उन्हें अंडरग्राउंड करने का काम शुरू करें। चीफ जस्टिस एसए बोब्डे की अध्यक्षता वाली बेंच ने हाईपावर ट्रांसमिशन लाइन को अंडरग्राउंड करने में आने वाली तकनीकी समस्याओं पर विचार करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी के गठन का आदेश दिया है। कोर्ट ने पिछले 6 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने एक साल के अंदर हाईपावर ट्रांसमिशन लाइन को अंडरग्राउंड करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने जिन लोगों को कमेटी में शामिल किया है उमनमें न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय के वैज्ञानिक डॉ. राहुल रावत, वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, देहरादून के वैज्ञानिक डॉ. सुतीर्था दत्ता और कार्बेट फाउंडेशन के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. देवेश गंधवी को शामिल किया गया है। कोर्ट ने कमेटी को निर्देश दिया है कि वे जरुरत पड़ने पर विद्युत आपूर्ति से जुड़े विशेषज्ञों से तकनीकी रिपोर्ट हासिल कर सकते हैं ताकि उन्हें अपने फैसले पर पहुंचने में आसानी हो। सुनवाई के दौरान राजस्थान सरकार की ओर से वकील मनीष सिंघवी ने कहा था कि हाईपावर ट्रांसमिशन लाइन को ग्रामीण क्षेत्रों में अंडरग्राउंड करना तकनीकी रुप से संभव नहीं है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कहा था कि ओवरहेड ट्रांसमिशन लाइन को अंडरग्राउंड किया जाए क्योंकि ये लाइन फाल्कन और ग्रेट इंडियन बस्टर्ड जैसे भारी भरकम पक्षियों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकते हैं। इन पक्षियों के पंख दो मीटर के होते हैं उन्हें सामने देखने में दिक्कत होती है। ऐसी स्थिति में वे हाईपावर ट्रांसमिशन लाइन से टकरा सकते हैं। याचिका रिटायर्ड आईएएस अधिकारी एमके रणजीत सिंह ने दायर की थी। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/सुनीत

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in