मप्र की किशोरियों में खत्म हो रही झिझक, माहवारी स्वच्छता पर खुलकर संवाद

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भोपाल 23 मई (आईएएनएस)। दौर बदल रहा है, किशोरियां भी ऐसे मुद्दों पर बेझिझक बात करने को तैयार हैं, जिन पर आमतौर पर महिलाएं कतराती है। यह बात मध्य प्रदेश में माहवारी स्वच्छता दिवस को लेकर आयोजित एक्टिवेशन मीट में साफ नजर आई, किशोरियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और माहवारी की स्वच्छता को लेकर विशेषज्ञों से सवाल किए। पूरी दुनिया में 28 मई को माहवारी स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन की योजना बनाने के लिए मध्य प्रदेश में एक्टिवेशन मीट का आयोजन किया गया। इस ऑनलाइन मीट में 180 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा किया। माहवारी स्वच्छता दिवस को मनाने तथा माहवारी स्वच्छता पर चुप्पी तोड़ने तथा इस दिन माहवारी स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए प्रयासों पर सीएसओ, युवा समूह और किशोरों ने चर्चा की। इस दौरान तय किया गया कि माहवारी स्वच्छता सप्ताह मना कर इस विषय पर जागरूकता बढ़ाई जाएगी। इसके लिए रेड डॉट के साथ सोशल मीडिया पर तस्वीरें साझा की जाएंगी ताकि इस दिशा में जागरूकता आए। यूनिसेफ द्वारा आयोजित एक्टिवेशन मीट में बोलते हुए यूनिसेफ मध्य प्रदेश की प्रमुख मार्गरेट ग्वाडा ने कहा कि माहवारी एक प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है जो अभी तक दुनिया भर में वर्जनाओं, मिथकों और गलत धारणाओं से घिरी हुई है। एनएफएचएस (पांच) के आंकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश में 15-24 वर्ष की आयु में केवल 53.4 प्रतिशत ग्रामीण महिलाएं अपनी माहवारी के दौरान सुरक्षा के स्वच्छ तरीकों का उपयोग करती हैं, जबकि भारत में यह 72 प्रतिशत हैं। मीट में बोलते हुए दमोह की किशोरी छात्रा अंजलि और भोपाल की सोनम ने माहवारी के मुद्दे पर अपने आस-पास पाए जाने वाले मिथकों और वर्जनाओं के बारे में बताया। उन्होंने माहवारी स्वच्छता के लिए जागरूकता बढ़ाने तथा इस मुद्दे पर किशोर बालकों को संलग्न करने तथा इस मुद्दे पर व्याप्त धारणाओं को तोड़ने का आह्वान किया। वाश विशेषज्ञ पंकज माथुर ने कहा कि अब इस दिशा में आगे बढ़ने का समय है। माहवारी स्वच्छता दिवस इस दिशा में जागरूकता बढ़ाता है। उन चुनौतियों की बात करने का अवसर है जिनका सामना दुनिया भर की महिलाएं और लड़कियां कर रही हैं। हमें सभी स्तरों पर माहवारी स्वच्छता के कार्यों को प्रेरित करना चाहिए। माहवारी स्वच्छता विशेषज्ञ जेनिफर सेल्वराज ने प्रतिभागियों से माहवारी क्या है, माहवारी स्वच्छता प्रबंधन की आवश्यकता, सुरक्षित प्रबंधन, माहवारी स्वच्छता और सुरक्षित प्रबंधन की प्रमुख चुनौतियों, मिथकों, गलत धारणाओं, सामाजिक मानदंडों और प्रमुख हितधारकों की भूमिका पर बात की। यूनिसेफ मध्य प्रदेश के संचार विशेषज्ञ अनिल गुलाटी और एसबीसीसी विशेषज्ञ, यूनिसेफ, मध्य प्रदेश झिमली बरुआ ने माहवारी स्वच्छता दिवस को चिह्न्ति करने के लिए समुदाय तक पहुंचने की योजना और माहवारी स्वच्छता सप्ताह के लिए सोशल मीडिया से जोड़ने की योजना पर बात की। --आईएएनएस एसएनपी/एएनएम

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