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हार्दिक पटेल के बयानों ने पार्टी बदलने की चर्चा को हवा दी

अहमदाबाद, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। किसी भी राज्य के चुनाव से पहले राजनीतिक नेताओं के लिए पक्ष बदलना आम बात है और गुजरात, जहां इस साल के अंत में चुनाव होने जा रहे हैं, इस मामले में अलग नहीं है। गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष हार्दिक पटेल 2016-17 के आरक्षण आंदोलन का चेहरा हैं। वह 2019 में सबसे पुरानी पार्टी में शामिल हुए थे। उन्होंने गुजरात में अपने बयानों से कांग्रेस पार्टी में हलचल बढ़ा दी है। हाल ही में, पटेल ने कांग्रेस के तिरंगे वाले दुपट्टे से अपनी व्हाट्सएप प्रोफाइल तस्वीर को हटाकर भगवा दुपट्टे वाली तस्वीर लगा ली थी। यहां तक कि उन्होंने अपने व्हाट्सएप बायो से कांग्रेस को भी हटा दिया। तापी में युवा स्वाभिमान सम्मेलन के दौरान भी, जहां युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.वी. श्रीनिवास मौजूद थे, हार्दिक एक गैर-कांग्रेसी सादे सफेद दुपट्टा पहने हुए दिखाई दिए। व्हाट्सएप प्रोफाइल पिक्चर में बदलाव के बारे में पूछे जाने पर हार्दिक ने कहा कि हर कोई हर पांच दिन में अपनी डीपी बदलता है और उन्होंने भी ऐसा ही किया। वहीं हार्दिक ने विभिन्न मंचों पर राष्ट्रीय कांग्रेस के नेताओं की आलोचना भी की है। मंगलवार को उन्होंने ट्वीट किया था, अभी तो वह पार्टी में हैं, मगर चीजें न बिगड़ें, इसके लिए हाईकमान को कुछ करना होगा। कुछ नेता हैं, जो चाहते हैं कि हार्दिक पटेल कांग्रेस से निकल जाएं। ऐसे लोग मेरा मनोबल गिराने में लगे हैं। हाल ही में कुछ साक्षात्कारों में हार्दिक ने यह कहकर राष्ट्रीय कांग्रेस के नेताओं को दोषी ठहराया था कि उन्हें गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में उचित सम्मान नहीं मिल रहा है, क्योंकि कोई भी उनसे सलाह नहीं लेता है और ना ही उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जाती है। उन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा था कि वह खुद को हिंदूवादी और रामभक्त मानते हैं। दिलचस्प बात यह है कि गुजरात सरकार ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने हार्दिक और 22 अन्य प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। लेकिन मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट वी.डी. मोड ने राज्य सरकार की याचिका को खारिज कर दिया और हार्दिक सहित सभी आरोपियों को 2 मई को उपस्थित रहने के लिए कहा, जब अदालत मामले में आरोप तय करना शुरू करेगी। --आईएएनएस एचके/एसजीके

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