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Gyan Ganga: हनुमानजी से अपने बल का बखान सुन कर भी क्यों परेशान हो गया था रावण
श्रीहनुमान जी रावण के समक्ष अभय व अखण्ड खड़े हैं और प्रभु श्रीराम जी के पावन गुणगान का पुण्य कमा रहे हैं। रावण ने सोचा, कि यह कैसा मूर्ख वानर है। मेरे ही सामने मेरे शत्रु के बल की महिमा गाए जा रहा है। इसे तनिक भी भान नहीं, कि क्लिक »-www.prabhasakshi.com