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Gyan Ganga: हनुमान जी ने प्रभु श्रीराम का संदेश कैसे प्रेषित किया?
माता सीता जी इतनी व्याकुल हैं, कि बातों ही बातों में, वे श्रीहनुमान जी के समक्ष एक ऐसी बात कह सुनाती हैं, कि मानों माता सीता को, यह प्रतीत होने लगा था, कि प्रभु को शायद उनका स्मरण भी हैं, अथवा नहीं- ‘बचन न आब नयन भरे बारी। अहह नाथ क्लिक »-www.prabhasakshi.com