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गुरु गोबिंद सिंह का बलिदान पूरा देश हमेशा याद रखेगा, सिख धर्म के त्याग को करें आत्मसात : योगी आदित्यनाथ

लखनऊ, 20 जनवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह ने धर्म की रक्षा के लिए अपने चार बेटों का बलिदान कर दिया। उनका यह बलिदान सिख समाज और पूरा देश हमेशा याद रखेगा। सिख धर्म हमें त्याग और सेवा भाव का संदेश देता है। हम अपने जीवन में इसे आत्मसात कैसे करें, यह ध्यान देना है। मुख्यमंत्री गुरु गोबिंद सिंह की जयंती पर बुधवार को राजधानी के ऐतिहासिक गुरुद्वारे यहियागंज में बोल रहे थे। उन्होंने गुरु के दीवान के समक्ष माथा टेकने के बाद गुरु गोबिंद सिंह द्वारा समाज को एक सूत्र में बांधने के प्रयास की सराहना की। दरबार हॉल में बैठकर उन्होंने गुरु को समर्पित शबद भी सुने। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह ने जुल्म, अन्याय व अत्याचार के विरुद्ध आगे बढ़कर नेतृत्व प्रदान किया। सभी को गुरु गोबिंद जी के बताए रास्ते पर चलकर देश और समाज के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की। उन्होंने सभी से सर्वधर्म का आदर और सम्मान करने की अपील की। इस दौरान उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा, कैबिनेट मंत्री आशुतोष टण्डन और ब्रजेश पाठक, महापौर संयुक्ता भाटिया, गुरुद्वारे के अध्यक्ष डॉ.गुरमीत सिंह समेत सिख समाज के कई लोग मौजूद थे। बिहार के पटना साहिब में जन्मे गुरु गोबिंद सिंह 1670 में छह वर्ष की आयु में अपनी माता माता गुजरी और माता कृपाल जी महाराज के साथ आनंदपुर साहिब से पटना साहिब जाते समय दो महीने 13 दिन गुरुद्वारा यहियागंज में ठहरे थे। गुरु गोबिंद सिंह द्वारा हस्त लिखित गुरु ग्रंथ साहिब भी गुरुद्वारे में मौजूद है। हुक्म नामे भी गुरुद्वारे की शोभा बढ़ा रहे हैं। लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा ने बताया कि सुबह फूलों की वर्षा के साथ प्रकाशोत्सव मनाया गया। दो दिवसीय आयोजन के पहले दिन पंच प्यारे की अगुआई में नगर कीर्तन यात्रा निकाली गई। बुधवार को कोरोना संक्रमण की गाइड लाइन के साथ आयोजन किया गया। हिन्दुस्थान समाचार/संजय-hindusthansamachar.in

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