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पेट्रोलियम उत्पादों पर सभी अधिभार, उपकर वापस ले सरकार: वाम दल

पटना, 24 मई (आईएएनएस)। देश में बढ़ती बेरोजगारी और पेट्रो पदार्थों की आसमान छूती कीमतों के खिलाफ वाम दलों के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर बिहार में 25 से 31 मई तक सघन आंदोलन अभियान चलेगा और 31 मई को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन, धरना कार्यक्रम होंगे। वाम दलों के नेताओं ने मंगलवार को पटना में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के जरिए यह जानकारी दी। वाम नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल की बेतहाशा बढ़ी कीमतों में मामूली सी गिरावट करके वह अपना पीठ थपथपाना चाहती है। मोदी सरकार रूस व उक्रेन युद्ध का बहाना बनाकर पेट्रो पदार्थो की कीमत लगातार बढ़ाती गई और अब उसमें मामूली कमी कर रही है। उन्होंने कहा कि मई 2014 में पेट्रोल पर केंद्रीय कर 9.48 रुपए और डीजल पर 3.56 रुपया था जबकि 21 मई 2022 को यह कर बढ़कर क्रमश: 27.90 व 21.80 रुपया हो गया। इसके खिलाफ आंदोलन के बाद फिलहाल यह टैक्स क्रमश: 19.90 व 15.80 रुपए है। यह टैक्स अब भी 2014 की तुलना में काफी अधिक है। वाम दलों ने सरकार से सभी प्रकार के अधिभार, उपकर को वापस लेकर पेट्रो पदार्थों की कीमत को पुराने स्तर पर लाने की मांग की। संवाददाता सम्मेलन को भाकपा (माले )के पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा, सीपीएम के सर्वोदय शर्मा, सीपीआई के विजय नारायण मिश्र व रामलला सिंह, फॉरवर्ड ब्लॉक के अमेरिका महतो व आरएसपी के वीरेंद्र ठाकुर ने सम्बोधित किया। नेताओं ने कहा कि गेहूं की कीमत में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और गेहूं विदेश भेजा जा रहा है। केंद्र सरकार उल्टे राशन व राशन कार्ड निरस्तीकरण अभियान में लगी हुई है। बिहार में 28 लाख 79 हजार राशन कार्ड रद्द कर दिए गए। इसे अविलम्ब वापस लिया जाना चाहिए। राज्य में बिजली बिल पहले की तुलना में कई गुना बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि 5 जून को संपूर्ण क्रांति दिवस पर महागठबंधन के द्वारा आयोजित भाजपा-जदयू सरकार की असफलता के खिलाफ आयोजित कार्यक्रम में वाम दल के कार्यकर्ता पूरे जोर-शोर से भाग लेंगे। गांव स्तर पर उसकी तैयारी चल रही है। --आईएएनएस एमएनपी/एमएसए

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