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टीएलपी मामले में सरकार ने सरेंडर किया : पाकिस्तानी विपक्षी पार्टी

नई दिल्ली, 2 नवंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान की विपक्षी पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी(पीपीपी) ने पाकिस्तान सरकार और प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के बीच समझौते को राज्य द्वारा आत्मसमर्पण करार दिया है। साथ ही सरकार को इस सौदे को सार्वजनिक करने और इसे संसद के समक्ष पेश करने के लिए कहा। डॉन न्यूज की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली। सरकार की ओर से बातचीत करने वाली टीम के सदस्यों ने घोषणा की कि वे टीएलपी के साथ लगभग दो सप्ताह तक चले गतिरोध के बाद एक समझौते पर पहुंच गए हैं। हालांकि सरकार ने इसके विवरण का खुलासा करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद पीपीपी के विधायकों ने इसे सार्वजनिक करने की मांग की थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि पीपीपी नेताओं ने सौदे को गुप्त रखने के पीछे के तर्क पर सवाल उठाया और कहा कि पाकिस्तान के लोगों और उनके चुने हुए प्रतिनिधियों को रात के अंधेरे में हस्ताक्षर किए गए समझौते का विवरण और सामग्री जानने का पूरा अधिकार है। समझौते पर हस्ताक्षर करने के संबंध में घोषणा मुफ्ती मुनीबुर रहमान ने रविवार को विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री अली मोहम्मद खान की सरकारी टीम के सदस्यों के साथ एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान की थी। सौदे की सामग्री को साझा करने से इनकार करते हुए, मुफ्ती मुनीब ने कहा था कि इसका विवरण उचित समय पर सार्वजनिक किया जाएगा और कहा कि इसके सकारात्मक परिणाम अगले 10 दिनों के दौरान राष्ट्र को दिखाई देंगे। सायलानी वेलफेयर ट्रस्ट के प्रमुख मुफ्ती मुनीब के अलावा बशीर फारूक कादरी, प्रमुख व्यवसायी अकील करीम ढेडी और हाजी रफीक परदेसी को कथित तौर पर समझौते में गारंटर के रूप में नामित किया गया था। पीपीपी के सीनेटर मुस्तफा नवाज खोखर ने एक अलग बयान में कहा कि सरकार को रात के अंधेरे में हुए समझौते के बारे में संसद और देश को सूचित करना चाहिए। उन्होंने कहा, इस देश के नागरिकों को यह जानने का अधिकार है कि एक प्रतिबंधित संगठन के साथ क्या सहमति हुई है जिसने देश को पंगु बना दिया था, रोजमर्रा की जिंदगी और व्यापार को 12 दिनों तक बाधित कर दिया था और निर्दोष पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। इसी तरह, पीपीपी सीनेटर शेरी रहमान ने अपने बयान में कहा कि समझौते को गुप्त रखने के कृत्य ने पाकिस्तान के लोगों के मन में कई सवाल पैदा किए। उन्होंने पूछा कि समझौते में ऐसा क्या था जिसका खुलासा सरकार उचित समय पर करना चाहती थी। --आईएएनएस आरएचए/आरजेएस

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