government-refuses-to-stop-printing-presses-of-railways-airf
government-refuses-to-stop-printing-presses-of-railways-airf

रेलवे की प्रिंटिंग प्रेसों को बंद करने की मंशा से बाज आये सरकार : एआईआरएफ

नई दिल्ली,14 फरवरी (हि.स.)। ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) और उससे संबद्ध यूनियनों ने केंद्र सरकार को रेलवे की प्रिंटिंग प्रेसों को बंद करने की मंशा से बाज आने की चेतावनी दी है। देश भर में रेलवे के प्रिंटिंग प्रसो को सरकार द्वारा बंद किये जाने के विरोध में एआईआरएफ द्वारा रविवार को नई दिल्ली के टी एन वाजपेई मेमोरियल हाल में रेलव की प्रिंटिंग प्रेसों के पुनर्जीवन विषय पर राष्ट्रीय वर्कशाप का आयोजन किया गया। इस वर्कशाप में मध्य रेलवे, मुम्बई, ईस्टन रेलवे हावडा, साउथ रेलवे, चेन्नई और सेन्ट्रल रेलवे, सिकन्दाबाद से आगे प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस राष्ट्रीय वर्कशाप की अध्यक्षता नार्दर्न रेलवे मेन्स यूनियन के अध्यक्ष एसके त्यागी ने की। वर्कशाप का उद्घाटन करते हुए एआईआरएफ के महामंत्री शिव गोपाल मिश्र ने कहा कि सरकार रेलवे के प्रिटिंग प्रेस बंद कर रही है जिससे यहां कार्यरत कर्मचारी काफी नाराज हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास प्रिटिंग प्रेस होते हुए भी प्रेस सम्बन्धी कार्य सरकार बाहर से ज्यादा पैसे देकर करा रही है। उन्होंने कहा कि जब रेलवे के पास प्रिटिंग प्रेस है और आधुनिक मशीन भी और काम करने वाले कर्मचारी भी हैं तो रेल प्रशासन इनको बंद करने पर क्यों तुली है और सारे काम आउटसोर्स तरीके से क्यों करा रही है। मिश्र ने कहा कि पहले भी सरकार इनको बंद करने के आदेश पारित कर चुकी थी परन्तु एआईआरएफ के विरोध के कारण उन्हें इस आदेश को रोकना पड़ा। उन्होंने कहा कि एआईआरएफ इसे कभी बर्दाश्त नहीं करेगा और सारे कर्मचारी एकजुट होकर इसका पुरजोर विरोध करेंगे और जरूरत पड़ी तो संघर्ष भी करेंगे। इस राष्ट्रीय वर्कशाप में एकत्रित सभी कर्मचारियों ने प्रिटिंग प्रेस बंद किये जाने की सरकार की मंशा के खिलाफ रोष व्यक्त किया और एक ज्ञापन भी तैयार कर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को देने के लिए महामन्त्री से आग्रह किया। वर्कशाप को नेशनल रेलवे मेजदूर यूनियन के महामंत्री वेणू नायर, इस्टर्न रेलवे के महामंत्री अमित घोष के अलावा प्रिटिंग प्रेसों के शाखा सचिव मानस पाल, प्रताप सिंह, शशि कात. मुन्धुकृष्णन व अनमोल गुप्ता ने भी संबोधित किया। हिन्दुस्थान समाचार/सुशील/सुनीत-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in