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बिहार में पराली प्रबंधन से नई पीढ़ी को जोड़ने में जुटी सरकार

पटना, 15 अप्रैल (आईएएनएस)। बिहार सरकार पराली प्रबंधन को लेकर लगातार कदम उठा रही है। गांव में किसानों को जागरूक करने के लिए जहां जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है वही अब स्कूलों, कॉलेजों में भी पराली प्रबंधन की पढ़ाई शुरू करने की योजना पर विचार किया जा रहा है। कृषि विभाग ने सेटेलाइट की मदद से फसल अवशेष जलाने वाली 200 पंचायतों को चिह्न्ति किया है। कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इसे रोकने के लिए सहायता, जागरूकता और कार्रवाई का अभियान चलाया जा रहा है। मंत्री ने बताया कि राज्य में गेहूं की कटनी चल रही है। विभाग सेटेलाइट से फसल कटनी के बाद आग लगने की घटना से संबंधित चित्र हासिल कर उनका विश्लेषण कर रहा है। विभिन्न पंचायतों में किसान चौपाल लगाए गए हैं। इस क्रम में माइक और एलइडी युक्त प्रचार वाहनों के माध्यम से किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन से जुड़ी फिल्म दिखाने के साथ नुक्कड़ नाटक आयोजित किए जा रहे हैं। इस बीच, राज्य के स्कूल से लेकर कॉलेजों तक में अब पराली प्रबंधन की पढ़ाई की योजना बनाई जा रही है। छोटे बच्चों को पराली के बारे में जानकारी दी जाएगी तो बड़ों को उसके प्रबंधन और जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जाएगा। पाठ्यक्रम तैयार करने की जिम्मेदारी शिक्षा विभाग और कृषि विश्वविद्यालय को दी गई है। पाठ तैयार होने के बाद इसे बच्चों के सिलेबस में जोड़ा जाएगा। सरकार का मानना है कि पराली प्रबंधन में आमजन को भी शामिल किया जाय, जिस कारण इसे पाठ्यक्रम में शामिल करना जरूरी है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर और राजेंद्र केंद्रीय कृषि विवि पूसा को सामग्री पाठ्य सामग्री तैयार करने की जिम्मेवारी दी गई है। राज्य में पराली प्रबंधन बड़ी समस्या बनती जा रही है। कृषि विभाग खेतों में पराली जलाने को रोकने के लिए कई उपाय कर रहा है। बावजूद कई जिलों में अब भी पराली जलायी जा रही है। पराली से चारा ब्लॉक बनाने और उससे किसानों की आमदनी बढ़ाने की योजना भी शुरू की गई है। --आईएएनएस एमएनपी/एसकेपी

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