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गणेशोत्सव : दूसरे वर्ष महाराष्ट्र में कोई विशाल मूर्ति या मेगा उत्सव नहीं

मुंबई, 29 जून (आईएएनएस)। महाराष्ट्र सरकार ने लगातार दूसरे वर्ष 10 सितंबर से शुरू होने वाले आगामी 10 दिवसीय गणेशोत्सव उत्सव के लिए विशाल सार्वजनिक समारोहों और भगवान गणेश की विशाल मूर्तियों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। संभावित कोविड-19 तीसरी लहर को देखते हुए, राज्य सरकार ने मंगलवार को एक विस्तृत अधिसूचना जारी कर सार्वजनिक स्थलों पर मूर्तियों की ऊंचाई 4 फीट और घरेलू पूजा के लिए 2 फीट तक सीमित कर दी है। सरकार ने 10 दिनों के दौरान भीड़ के बिना और सभी कोविड -19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करते हुए, सरल, अनाकर्षक समारोहों को भी निर्धारित किया है, जो राज्य के सबसे बड़े सार्वजनिक त्योहार को चिह्न्ति करते हैं जिसमें सभी समुदायों के लोग भाग लेते हैं। 10 सितंबर को उत्सव की शुरूआत के लिए या 19 सितंबर को अंतिम विदाई तक विभिन्न तिथियों पर विसर्जन समारोहों के लिए किसी भी जुलूस की अनुमति नहीं दी जाएगी, जो बहुप्रतीक्षित त्योहार पर धूमिल हो रहा है। सामान्य सांस्कृतिक या मनोरंजन कार्यक्रमों के बजाय, सरकार ने स्वास्थ्य शिविरों या रक्तदान अभियान या कोरोनावायरस, मलेरिया, डेंगू आदि के लिए स्वास्थ्य जागरूकता अभियानों को प्राथमिकता देने की सिफारिश की है, जिसमें सभी सार्वजनिक मंडलों और मेगा गणेशोत्सव समूह आयोजकों द्वारा उच्चतम स्तर की स्वच्छता बनाए रखी जाती है। त्योहार के दौरान लागू होने वाले प्रतिबंधों के स्तरों के आधार पर, अधिकारियों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि गणेशोत्सव के दौरान इनमें ढील नहीं दी जाएगी और सार्वजनिक मंडलों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि दैनिक आरती, पूजा और दर्शन के दौरान कोई भीड़भाड़ न हो। राज्य सरकार ने आगे सुझाव दिया है कि सार्वजनिक मंडल ऑनलाइन दर्शन पर स्विच करें या स्थानीय केबल टेलीविजन नेटवर्क, वेबसाइटों या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से समारोहों को प्रसारित करें, जैसा कि संजय डी. खेडेकर, डिप्टी सचिव, गृह विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है। विसर्जन के लिए बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों को बाहर निकलने से बचना चाहिए और जहां तक संभव हो, विसर्जन समारोह कृत्रिम तालाबों में किया जाना चाहिए जो विभिन्न सार्वजनिक और निजी निकायों द्वारा बनाए जाएंगे। --आईएएनएस एसएस/एएनएम

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