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कबूस बिन सईद और मुजीबुर रहमान को गांधी शांति पुरस्कार

नई दिल्ली, 22 मार्च (हि.स)। ओमान के सुल्तान रहे कबूस बिन अल सईद और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान को क्रमश: 2019 और 2020 के गांधी शांति पुरस्कार के लिए चुना गया है। संस्कृति मंत्रालय ने सोमवार को इसकी घोषणा की। संस्कृति मंत्रालय ने घोषणा की है कि वर्ष 2019 के लिए ओमान के (स्वर्गीय) सुल्तान रहे कबूस बिन सैद अल सईद को गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। जबकि वर्ष 2020 के लिए बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। शेख मुजीबुर रहमान को बांग्लादेश में राष्ट्र जनक का दर्जा प्राप्त है। भारत सरकार ने इस पुरस्कार की शुरुआत 1995 में की थी। इस पुरस्कार के तहत पट्टिका के अलावा एक करोड़ रुपये की राशि और प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार अहिंसा व अन्य गांधीवादी तरीकों से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान के लिए दिया जाता है। राष्ट्रीयता, नस्ल, भाषा, जाति, धर्म आदि से परे जाकर सभी को इस सम्मान के योग्य माना गया है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यों की जूरी इस पुरस्कार के लिए व्यक्ति का चयन करती है। जूरी की पिछली बैठक 19 मार्च को हुई थी। जूरी ने सर्वसम्मति से ओमान के दिवंगत सुल्तान कबूस बिन अल सईद और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान का नाम इस पुरस्कार के लिए चुना है। अब तक कई महत्वपूर्ण लोगों को यह पुरस्कार दिया जा चुका है। जिनमें तंजानिया के पूर्व राष्ट्रपति डॉ जूलियस न्येरे, जर्मनी के राजनयिक गेरहार्ड फिशर, रामकृष्ण मिशन, समाजसेवी बाबा आम्टे, दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति डॉ नेल्सन मंडेला, ग्रामीण बैंक ऑफ बांग्लादेश सरीखी संस्थाएं और लोग शामिल हैं। हिन्दुस्थान समाचार/ब्रजेश

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