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पाकिस्तानी अखबारों सेः सऊदी अरब की भारत-पाकिस्तान सम्बंधों में बेहतरी के लिए मध्यस्थता की पेशकश बनी लीड खबर

- भारत में अमेरिका सहित कई देशों के राजदूतों में कोरोना संक्रमण फैलने को भी दी प्रमुखता नई दिल्ली, 10 मई (हि.स.)। पाकिस्तान से सोमवार को प्रकाशित अधिकांश अखबारों ने सऊदी अरब के जरिए भारत पाकिस्तान के बीच सम्बंधों को बेहतर बनाने के लिए मध्यस्थता करने की पेशकश की खबरें काफी अहमियत से प्रकाशित की हैं। अखबारों ने बताया है कि सऊदी अरब के विदेश मंत्री शहजादा फैसल बिन फरहान अल सऊद ने भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए सऊदी अरब के जरिए भूमिका निभाए जाने की पेशकश की है। अखबारों का कहना है कि सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने कहा है कि भारत-पाकिस्तान में व्याप्त तनाव को दूर करने के लिए सऊदी अरब अहम रोल अदा कर सकता है। अखबारों ने बताया है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इस वक्त सऊदी अरब के सरकारी दौरे पर हैं। इमरान खान ने इस दौरान सऊदी अरब में रहने वाले पाकिस्तानियों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर सऊदी अरब पाकिस्तान की मदद नहीं करता तो पाकिस्तान दिवालिया हो जाता। इस मौके पर सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। सऊदी अरब में पाकिस्तानियों को बड़े पैमाने पर नौकरी देने की भी पेशकश की गई है। अखबारों ने पाकिस्तान में दो स्थानों पर आतंकियों के जरिए हमला किए जाने से सम्बंधित खबरें भी महत्व के साथ प्रकाशित की हैं। पहला हमला क्वेटा में किया गया जिसमें 3 जवान मारे गए हैं जबकि दूसरा हमला पाकिस्तान-ईरान सीमा के करीब तुरबत में किया गया, जिसमें 4 जवानों के जख्मी होने की खबरें मिली हैं। अखबारों ने कराची से एमक्यूएम के एक आतंकवादी को पुलिस के जरिए गिरफ्तार किए जाने की भी खबरें दी है।अखबारों ने पाकिस्तान के सूचना प्रसारण मंत्री फव्वाद चौधरी का एक बयान छापा है जिसमें बताया गया है कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग के अध्यक्ष शहबाज शरीफ को देश से बाहर जाने से रोक दिया गया है। उनका कहना है कि शहबाज शरीफ देश से बाहर जाने से सम्बंधित गारंटी पूरी नहीं कर पाए हैं जिसकी वजह से उन्हें विदेश जाने की इजाजत कैसे दी जा सकती है? यह सभी खबरें रोजनामा नवाएवक्त, रोजनामा खबरें, रोजनामा पाकिस्तान, रोजनामा औसाफ और रोजनामा जंग ने अपने पहले पृष्ठ पर प्रकाशित की हैं। रोजनामा खबरें ने यह खबर विशेष खबर के तौर पर प्रकाशित की है जिसमें बताया गया है कि भारत में अमेरिकी दूतावास में काम करने वाले 200 से अधिक कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं। अखबार का कहना है कि भारत में प्रतिदिन चार लाख से ज्यादा लोगों के संक्रमित होने और इससे मरने वालों की संख्या 4200 से पार होने की सूचना मिल रही है। अखबार का कहना है कि जर्मनी, पोलैंड, स्विजरलैंड ने अपने दूतावास कर्मचारियों को वापस बुला लिया है। अखबार का कहना है कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि भारत में रह रहे अमेरिकी राजनयिकों का पर पूरा ख्याल रखा जाएगा। अखबार का कहना है कि फ्रांसीसी राजनयिकों को दिल्ली से बाहर निकालने के लिए फ्रांस की सरकार ने मना कर दिया है। अखबार ने बताया कि पोलैंड वापस जाने वाले कई राजनयिकों को अस्पताल में भर्ती कराया गया जिसमें से कई की हालत नाजुक बताई जा रही है। रोजनामा औसाफ ने अफगानिस्तान में 90 अरब डालर का अमेरिकी फौजी साजो सामान कबाड़ियों को बेचने की खबर दी है। अखबार का कहना है कि कबाड़ में शामिल गाड़ियों को तबाह कर के उनके टुकड़े-टुकड़े करके बेचा जाएगा। मौजूदा कबाड़ के सामान को 25 अरब डालर में बेचा जाएगा। अखबार का कहना है कि अफगानिस्तान में अमेरिका की 20 हजार गाड़ियां मौजूद हैं। इन गाड़ियों में से 5 हजार गाड़ियां तालिबान सेना के हवाले की जाएंगी। अखबार का कहना है कि अमेरिका इन सामानों को वापस नहीं ले जाना चाहता है क्योंकि इनको वापस ले जाने के लिए काफी रकम खर्च करनी पड़ेगी। इसीलिए अमेरिका ने इन फौजी सामानों को अफगानिस्तान में ही कबाड़ियों को बेचने का फैसला लिया है। रोजनामा पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र संघ के हवाले से एक खबर दी है जिसमें बताया गया है कि भारत जम्मू-कश्मीर में वर्तमान आबादी के प्रतिनिधित्व को परिवर्तन करने की कोशिश कर रहा है। अखबार का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने कहा है कि भारत के जरिए जम्मू कश्मीर में डेमोग्राफिक परिवर्तन से सम्बंधित खतरे की घंटी बजा दिया है। अखबार का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस बात की चिंता जाहिर की है कि अगर जम्मू-कश्मीर में भारत के अन्य राज्यों से लाकर लोगों को बसाया गया तो यहां पर आने वाले दिनों में हालात काफी खराब हो सकते हैं। अखबार ने यूरोपियन यूनियन के जरिए कश्मीरी नेताओं की जेलों में दयनीय स्थिति पर चिंता व्यक्त किए जाने की भी खबर दी है। यूरोपियन यूनियन का कहना है कि कश्मीरी नेताओं को जेलों में बे मददगार छोड़ दिया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/ एम ओवैस/ मोहम्मद शहजाद

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