पाकिस्तानी अखबारों सेः लूट कर लंदन भागने वालों को वापस लाने का इमरान का बयान बना सुर्खी

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- इजराइल के विरोध में पेप्सी और कोका कोला को नालियों में बहाने की खबरें भी रहीं सुर्खियों में - रोजनामा खबरें ने बाराबंकी में सौ साल पुरानी मस्जिद को ध्वस्त किए जाने की घटना को दी प्रमुखता नई दिल्ली, 20 मई (हि.स.)। पाकिस्तान से गुरुवार को प्रकाशित होने वाले अधिकांश समाचार पत्रों ने प्रधानमंत्री इमरान खान के उस बयान को काफी महत्व से प्रकाशित किया, जिसमें उन्होंने कहा है कि लंदन भागने वालों को जल्द स्वदेश वापस लाया जाएगा। उनका कहना है कि मुल्क की दौलत लूट कर लंदन भागने वालों को वापस लाने के लिए अभी कार्रवाई की जा रही है। उनका कहना है कि हमने अगले इलेक्शन का नहीं, कौम के भविष्य के लिए सोचा है। हमारी सरकार के 5 साल पूरे होने पर यह देखना है कि गरीबों को कैसे ऊपर उठाया गया है। अखबारों ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज के अध्यक्ष शहबाज शरीफ को विदेश जाने से रोकने के लिए सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर अदालत के जरिए सरकार से जवाब तलब किए जाने की खबरें भी दी हैं। शाहबाज शरीफ को लाहौर हाईकोर्ट ने लंदन जाने की इजाजत दी थी, जिस पर सरकार ने उन्हें वहां जाने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। अखबारों ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी में दरार पड़ने की खबरों के बीच जहांगीर तरीन के जरिए सरकार के बजट को पास कराए जाने की खबरें भी दी हैं। जहांगीर तरीन ने कहा है कि उन्हें इमरान खान से कोई शिकायत नहीं है। वह सरकार का बजट पास कराने के लिए उन्हें पूरा सहयोग करेंगे। अखबारों ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के लीडर बिलावल भुट्टो का भी एक बयान छपा है, जिसमें उन्होंने कहा है जिस मुल्क का मुखिया करप्ट होता है, उस मुल्क की अर्थव्यवस्था हमेशा चरमराई रहती है। अखबारों ने पाकिस्तान में फलस्तीन के समर्थन में और इजराइल के खिलाफ धरना प्रदर्शन किए जाने की खबरें दी हैं। अखबारों का कहना है कि इस दौरान धार्मिक नेताओं की तरफ से पेप्सी और कोका कोला को नालियों में बहाए जाने और मैकडोनाल्ड को बंद कराए जाने की खबरें भी मिली हैं। पाकिस्तान के धार्मिक नेताओं का कहना है कि कोका कोला और पेप्सी हमसे हर साल 21 सौ अरब डॉलर कमाकर इजराइल भेजती हैं और वही पैसा इजरायल फलस्तीनियों के कत्लेआम के लिए इस्तेमाल करता है। अखबारों ने अमेरिका के जरिए फलस्तीन पर बमबारी बंद करने के खिलाफ सुरक्षा परिषद में लाए गए प्रस्ताव को 5 बार वीटो किए जाने की भी खबर दी है। अखबारों का कहना है कि अमेरिका के जरिए इजराइल का साथ देने के लिए वीटो पावर का इस्तेमाल किए जाने पर चीन ने सख्त नाराजगी का इजहार की है। यह सभी खबरें रोजनामा पाकिस्तान, रोजनामा औसाफ, रोजनामा खबरें, रोजनामा नवाएवक्त और रोजनामा जंग ने अपने पहले पृष्ठ पर छापी हैं। रोजनामा खबरें ने उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एक 100 साल पुरानी मस्जिद को ध्वस्त किए जाने की खबर देते हुए कहा है कि जिला में कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए लगाए गए कर्फ्यू के दौरान पुलिस और ज़िला प्रशासन ने मिलकर मस्जिद को शहीद कर दिया है। यहां तक कि मलबे को ले जाकर नदी में फेंक दिया गया है। अखबार का कहना है कि इस मस्जिद में पिछले एक महीने से नमाज पढ़ने पर पाबंदी लगा दी गई थी। अखबार का कहना है कि स्थानीय मुसलमानों के विरोध करने पर पुलिस ने लोगों के खिलाफ नाजायज मामले बनाकर उन्हें गिरफ्तार किया है। अखबार का कहना है कि जिस दिन मस्जिद को शहीद किया गया, उस दिन पूरे इलाके को पुलिस ने सील कर दिया था। किसी को भी घर के छत पर जाने और खिड़की वगैरह से झांकने तक की इजाजत नहीं दी गई थी। अखबार का कहना है कि पुलिस और जिला प्रशासन की इस कार्रवाई से मुसलमानों में काफी गुस्सा पाया जा रहा है। रोजनामा पाकिस्तान ने एक खबर काफी अहमियत से प्रकाशित की है, जिसमें बताया गया है कि लाहौर में नान बाइयों ने रोटी का दाम 8 रुपये से बढ़ाकर 12 रुपये करने का फैसला लिया है। नाम बाइयों के इस ऐलान को देखते हुए स्थानीय प्रशासन के हाथ पैर फूल गए हैं। स्थानीय प्रशासन ने इस पूरे मामले पर विचार विमर्श करने के लिए एक मीटिंग आयोजित की है। नान बाइयों का कहना है कि आटा महंगा होने की वजह से मौजूदा वक्त में रोटी 8 रुपये में वह नहीं भेज सकते हैं। नाम बाइयों की एसोसिएशन के सदर आफताब गुल का कहना है कि रोटी का दाम बढ़ाना उनकी मजबूरी है क्योंकि मौजूदा वक्त में जिस कीमत पर वह रोटी बेच रहे हैं, उससे उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। अखबार का कहना है कि पाकिस्तान में इस वक्त महंगाई अपने पूरे चरम पर है और आटे के दाम में भी रोज इजाफा किया जा रहा है। रोजनामा जंग ने जम्मू कश्मीर से यह खबर दी है कि श्रीनगर, गांदरबल, शोपियां, इस्लामाबाद, बारामुला आदि में सेना और सुरक्षा बलों ने घर-घर तलाशी अभियान चलाया और बड़ी मात्रा में असलहा और बारूद जब्त किए जाने के खबर दी है। अखबार का कहना है कि फौजियों ने जबरदस्ती घरों में घुसकर कार्रवाई की है। अखबार का कहना है कि इस दौरान जम्मू-कश्मीर में 24 मई तक कर्फ्यू बढ़ाए जाने का भी ऐलान किया गया है। अखबार का कहना है कि व्यापारिक प्रतिष्ठानों और ट्रांसपोर्ट की आवाजाही पर लगी पाबंदी की वजह से स्थानीय निवासियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। रोजनामा नवाएवक्त ने सुप्रीम कोर्ट के एक जज के जरिए दिए गए एक सख्त रिमार्क को प्रकाशित किया है। सुप्रीम कोर्ट के जज एजाजुल हसन आलम ने कहा है कि पाकिस्तान को नशीले पदार्थ बेचने वालों के लिए जन्नत बना दिया गया है। एक अन्य जज जस्टिस काजी मोहम्मद अमीन का कहना है कि वह दौर चला गया जब मुजरिमों को तकनीकी खामियों के बिना पर छोड़ दिया जाता था। उनका कहना है कि देश के संभ्रांत नागरिक गवाही देने को तैयार नहीं हैं। अगर यही मुलजिम दूसरे मुल्क में गिरफ्तार किए जाते तो उन्हें फांसी पर लटका दिया जाता। सुप्रीम कोर्ट ने यह रिमार्क 5 किलो चरस के साथ पकड़े गए जफरुल्लाह की सजा को समाप्त किए जाने की याचिका की सुनवाई के दौरान दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मुल्जिम की तरफ़ से निचली अदालत के जरिए दी गई सजा को समाप्त करने की अपील करने वाली याचिका रद्द कर दी है। हिन्दुस्थान समाचार/एम ओवैस/मोहम्मद शहजाद

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