पाकिस्तानी अखबारों सेः ग्रे-लिस्ट में ही बने रहने पर खुद को भारत की कोशिशें नाकाम करने की दी तसल्ली
- इमरान खान ने प्रधानमंत्री मोदी की हिंदुत्व सोच को सम्बंधों में रुकावट बताया - टी-20 वर्ल्ड कप यूएई में कराए जाने के फैसले को कोरोना के गढ़ भारत से मेजबानी छीनना करार दिया नई दिल्ली, 26 जून (हि.स.)। पाकिस्तान से शनिवार को प्रकाशित अधिकांश समाचारपत्रों ने पाकिस्तान को आतंकवादी फंडिंग और मनी लांड्रिंग के मामले में एफएटीएफ की ग्रे-लिस्ट से बाहर नहीं निकलने की खबरें छापी हैं। अखबारों ने लिखा है कि भारत पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट कराना चाहता था लेकिन उसे इसमें कामियाबी नहीं मिली है। अखबारों का कहना है कि पाकिस्तान के खिलाफ भारत ने सारे हथकंडे अपनाए थे मगर उसे इसमें नाकामी हाथ लगी है। अखबारों ने बताया है कि पाकिस्तान ने एफएटीएफ से निकलने के लिए 27 में से 26 मामलों को पूरा करने की कोशिश की थी। एफएटीएफ के अध्यक्ष का कहना है कि अगले 4 महीने के बाद आयोजित बैठक में पाकिस्तान पर फैसला लिया जाएगा। उनका कहना है कि संयुक्त राष्ट्र संघ के जरिए चिन्हित 1373 आतंकवादियों को सजा देने के बाद पाकिस्तान को लिस्ट से बाहर करने पर विचार किया जाएगा। अखबारों ने प्रधानमंत्री इमरान खान का एक बयान छापा है जिसमें उन्होंने कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हिंदुत्व की सोच की वजह से हमारे सम्बंधों को बेहतर बनाने में रुकावट आ रही है। उनका कहना है कि अगर तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया तो पाकिस्तान की सरहद बंद करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने हमारे सहयोग को हमेशा नाकाफी समझा है, पाकिस्तान की जनता इसको समझती है। उनका कहना है कि पाकिस्तान सब कुछ करेगा मगर अफगान तालिबान के खिलाफ किसी भी तरह की कोई भी फौजी कार्रवाई बिल्कुल नहीं करेगा। यह सभी बातें उन्होंने न्यूयार्क टाइम को दिए गए एक इंटरव्यू में कही है। अखबारों ने इस्लामाबाद से खबर दी है जिसमें बताया गया है कि सीबी में पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टी पर आतंकवादियों की जड़ की तरफ से फायरिंग की गई है जिसमें चार पुलिस कर्मचारियों की मौत हो गई है। जवाबी कार्रवाई में आतंकवादियों को भी नुकसान होने की खबरें दी गई हैं। अखबारों ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के लीडर बिलावल भुट्टो का भी एक बयान छपा है जिसमें उन्होंने कहा है कि कश्मीरियों के साथ सरकारों का रवैया अफसोसनाक है। इमरान और मोदी दोनों को भागाएंगे। अखबार ने लिखा है कि बिलावल ने कहा है कि कश्मीरियों को लावारिस नहीं छोड़ सकता हूं। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी कश्मीरियों के साथ कदम से कदम मिलाकर खड़ी है। पहले भुट्टो ने कश्मीरियों को हो अधिकार दिलाए थे, अब उनका नवासा दिलाएगा। अखबारों ने सरकार की तरफ से बजट में खाने-पीने की कई वस्तुओं पर से बिक्री कर समाप्त किए जाने की खबरें देते हुए लिखा है कि अब मोबाइल कॉल महंगी कर दी गई है। 5 मिनट की मोबाइल कॉल पर 75 पैसे का टैक्स लगाया गया है। यह सभी खबरें रोजनामा पाकिस्तान, नवाएवक्त, रोजनामा खबरें, औसाफ, रोजनामा दुनिया, एक्सप्रेस न्यूज और रोजनामा जंग ने अपने पहले पन्ने पर छापी हैं। रोजनामा नवाएवक्त ने जम्मू-कश्मीर से खबर दी है जिसमें बताया गया है कि शोपियां में सेना और अर्धसैनिक बलों की झड़प में एक कश्मीरी मारा गया है जबकि कारगिल से चार विद्यार्थियों को गिरफ्तार किया गया है। कश्मीर मीडिया सर्विस के मुताबिक हुर्रियत नेता खान सोपोरी की तरफ से मरने वाले कश्मीरी युवक को श्रद्धांजलि दी गई है। अखबार ने बताया है कि इस दौरान अदालत में तीन नजरबंद कश्मीरी युवकों के खिलाफ पुलिस ने अदालत में चार्जशीट भी दाखिल कर दी है। अखबार का कहना है कि कारगिल से गिरफ्तार 4 विद्यार्थियों के माता पिता ने उन्हें निर्दोष बताते हुए पुलिस से छोड़े जाने की मांग की है। रोजनामा दुनिया ने यह खबर दी है जिसमें बताया गया है कि भारत में आयोजित होने वाले छठे टी-20 वर्ल्ड कप के मैच को संयुक्त अरब अमीरात में कराने का फैसला लिया गया है। यह सभी मैच 17 अक्टूबर से 24 नवंबर तक होंगे। संयुक्त अरब अमीरात को अगले इवेंट की मेजबानी का भी इशारा मिल गया है। अखबार का कहना है कि करोना के गढ़ भारत से टी-20 वर्ल्ड कप की मेजबानी छीन ली गई है। आईसीसी ने अंतिम फैसला कर लिया है। यह टूर्नामेंट 17 अक्टूबर से 24 नवंबर के बीच संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित किया जाएगा। अखबार का कहना है कि भारत से टी-20 वर्ल्ड कप की मेजबानी छीने जाने से उसे काफी धक्का पहुंचा है। रोजनामा खबरें ने एक अपनी लीड स्टोरी में भारत में कोरोना वैक्सीन की जगह नमकीन पानी का टीका लगाने के रहस्योद्घाटन होने की खबर छापी है। अखबार ने लिखा है कि कोलकाता में 500 लोगों को और मुंबई में 2,000 से अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन की जगह नमकीन पानी का टीका लगाया गया है। अखबार ने बताया कि पुलिस के जरिए ज़ब्त की जाने वाली इन दवाइयों की बोतल पर ऐस्ट्राजेनेका का लेबल लगाया गया था। अखबार का कहना है कि कई शहरों में लगाई जाने वाली इस नकली वैक्सीन के लेबल पर एमिकासिन सेलेब्स 500 मिलीग्राम लिखा हुआ था। इसका इस्तेमाल हड्डियों, दिमाग और फेफड़ों आदि में बैक्टीरियल इनफेक्शन में किया जाता है। हिन्दुस्थान समाचार/ एम ओवैस