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ममता बनर्जी के आरोपों पर पूर्व वन मंत्री ने खोली पोल, दी जांच कराने की चेतावनी

मुख्यमंत्री ने फोन करके तृणमूल के कार्यकर्ताओं को नौकरी पर रखने का कहा था : राजीव बनर्जी कोलकाता, 03 फरवरी (हि.स.)। अलीपुरद्वार में जनसभा में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के गंभीर आरोपों का जवाब आज पूर्व वन मंत्री और भाजपा नेता राजीव बनर्जी ने हुगली जिले की जनसभा में दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने फोन करके तृणमूल के कार्यकर्ताओं को नौकरी पर रखने का कहा था। बुधवार को अलीपुरद्वार में ममता ने राजीव बनर्जी का नाम लिए बगैर कहा कि वन सहायक के पदों पर नियुक्ति में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है और राज्य सरकार इसकी जांच कर रही है। इसका जबाव राजीव बनर्जी ने आज ही हुगली जिले की एक जनसभा में दिया। उन्होंने कहा किजब यह नियुक्ति शुरू हुई थी, तब खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फोन कर कहा था कि सभी जिले में वन सहायक के तौर पर तृणमूल कार्यकर्ताओं की नियुक्ति होनी चाहिए। राजीव बनर्जी ने दावा किया कि बीरभूम जिले में तृणमूल कांग्रेस के एक बड़े नेता ने वन सहायक के पद पर अपने लोगों को नियुक्त कराने की कोशिश की थी। उन्होंने इसकी जानकारी ममता बनर्जी को दी थी। राजीव ने कहा कि अलीपुरद्वार की जनसभा में उन्होंने मेरा नाम नहीं लिया लेकिन मैं नाम लेकर कहता हूं। आप लोग जान कर रखिए। वन सहायक की नियुक्ति निरपेक्ष तौर पर बोर्ड के हाथ में सौंप दिया था। उन्होंने बताया कि पिछले साल 08 अक्टूबर को सुबह 10 बजे मैंने आपको (ममता बनर्जी) मैसेज करके बताया था कि बीरभूम जिले के एक बड़े तृणमूल नेता ने मुझे कहा है कि वन सहायक के सभी पदों पर जिले में केवल तृणमूल कांग्रेस के लोगों की नियुक्ति होगी। तब आपने (ममता बनर्जी ने) मुझे फोन कर कहा था कि सभी जिले में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं और कर्मियों को नियुक्ति का कोटा दे दो। आज तक मैंने मुंह नहीं खोला था, लेकिन आज आपने इस बारे में जांच की बात कही है तो मैं खुलासा कर रहा हूं। राजीव बनर्जी ने कहा कि तृणमूल के नेता, मंत्रियों से लेकर विधायकों तक की सिफारिश आई थीं। यहां तक की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास कालीघाट से भी सिफारिशें मिली थीं। इन सभी सिफारिशों को संजो कर रखा हूं। आपकी हिम्मत है तो जांच करा लीजिए। राजीव बनर्जी ने कहा, "वन सहायक की नियुक्ति नवम्बर महीने के पहले सप्ताह में हुई है। 30 जनवरी तक आपको कोई समस्या नहीं हुई। अगर भ्रष्टाचार इतना ही खल रहा था तो आपने मुझे पार्टी से 30 जनवरी के पहले क्यों नहीं निकाल दिया? अब जबकि मैं पार्टी छोड़ दिया हूं तो बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं।" उन्होंने आगे कहा कि मेरे पार्टी छोड़ने से पहले ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस के किसी भी छोटे बड़े नेता को नहीं छोड़ा, जिन्होंने मुझे फोन कर पार्टी में बने रहने के लिए मनाने की कोशिश न की हो। किस किस नेता ने फोन किया था, मुझे क्या समझाने और देने की कोशिश की गई थी, यह सब में रिकॉर्ड रखा हूं।" उन्होंने पूछा, "मुख्यमंत्रीजी अगर मैं इतना ही भ्रष्ट था तो मुझे पार्टी में रखने के लिए आपने इतनी कोशिश क्यों की। हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश/सुगंधी-hindusthansamachar.in

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