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विदेशी यूनिवर्सिटी: साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनिरिंग के विश्वविद्यालय आएंगे भारत

नई दिल्ली, 1 फरवरी (आईएएनएस)। वर्ष 2022-23 के बजट ने देश में प्रतिष्ठित विदेशी विश्वविद्यालयों की राह आसान कर दी है। सरकार के इस कदम से विदेशी यूनिवर्सिटी भारत में अपने कैंपस शुरू कर सकेंगी। खासतौर पर मैनेजमेंट, फिनटेक, साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनिरिंग और गणित की पढ़ाई कर रहे छात्रों को इसका लाभ मिलेगा। बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि विश्वस्तरीय विदेशी विश्वविद्यालयों और संस्थानों को जीआईएफटी शहरों में वित्तीय प्रबंधन, फिनटेक, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनिरिंग और गणित में अपने पाठ्यक्रम चलाने की अनुमति दी जाएगी। केवल आईएफएससीए द्वारा चलाए जाने वाले पाठ्यक्रमों को छोड़कर इन्हें घरेलू विनियमों से मुक्त रखा जाएगा। इससे वित्तीय सेवाओं और प्रौद्योगिकी के लिए उच्च स्तर का प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा सकेगा। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2022-23 में विज्ञान और गणित में 750 वर्चुअल प्रयोगशालाओं और समकालिक शिक्षण परिवेश के लिए 75 स्किलिंग ई-लैब्स की स्थापना की जाएगी। इससे व्यवसायी पाठ्यक्रम के तहत अत्यंत महत्वपूर्ण चिंतन कौशल को बढ़ावा देने और रचनात्मकता को स्थान देने में मदद मिलेगी। शिक्षा के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण पहल करते हुए इंटरनेट, मोबाइल फोन, टीवी और रेडियो पर डिजिटल शिक्षकों के माध्यम से वहां की बोली जाने वाली भाषा में उच्च गुणवत्ताप्रद ई-कंटेंट तैयार कर उस तक पहुंच सुनिश्चित की जाएगी। वित्त मंत्री ने बजट में बताया कि अध्यापकों को गुणवत्ताप्रद ई-कंटेट तैयार करने में शिक्षण के डिजिटल उपकरणों से सशक्त बनाने और सुसज्जित करने तथा बेहतर शिक्षण परिणाम प्राप्त करने के लिए एक प्रतिस्पर्धापरक तंत्र की स्थापना की जाएगी। केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में केन्द्रीय बजट 2022-23 पेश करते हुए कहा कि कौशल विकास कार्यक्रमों और उद्योगों के साथ भागीदारी को नई दिशा दी जाएगी। इससे कुशलता के आयामों को लगातार बढ़ावा मिलता रहेगा और इनमें स्थायित्व और रोजगार की क्षमता भी बढ़ेगी। नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) को प्रगतिशील औद्योगिक आवश्यकताओं के अनुरूप किया जाएगा। डिजिटल इकोसिस्टम फॉर स्किलिंग एण्ड लाइवलीहुड- द डीईएसएच- स्टेक ई-पोर्टल शुरू किया जाएगा। इस पोर्टल का उद्देश्य नागरिकों को इस प्रकार कुछ सशक्त बनाना है कि वह ऑनलाइन ट्रेनिंग के माध्यम से अपनी कुशलता का विकास कर सकें। इसके तहत एपीआई आधारित ट्रस्टेड स्किल क्रेडेंशियल्स प्रदान किए जाएंगे। उसी के अनुसार भुगतान भी किया जाएगा तथा उनको नए डिस्कवरी लेयर्स प्रदान किए जाएंगे। ताकि इससे कि वह रोजगार और उद्यमितापरक अवसर का लाभ प्राप्त कर सकें। --आईएएनएस जीसीबी/एएनएम

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