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ध्वस्त मस्जिद को वक्फ संपत्ति के रूप में रजिस्टर करने पर 7 के खिलाफ प्राथमिकी

लखनऊ, 21 मई (आईएएनएस)। बाराबंकी पुलिस ने सात लोगों के खिलाफ कथित तौर पर धोखाधड़ी और धोखाधड़ी का सहारा लेने के आरोप में एक मस्जिद को वक्फ संपत्ति के रूप में पंजीकृत कराने पर मामला दर्ज किया है। यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के एक पूर्व निरीक्षक सहित समिति के कुछ सदस्यों के खिलाफ गुरुवार को मामला दर्ज किया गया था। जिला प्रशासन ने सोमवार को राम सनेही घाट तहसील के बानी कड़ा गांव में मस्जिद को अवैध ढ़ाचा का दावा करते हुए ध्वस्त कर दिया था। इसे स्थानीय रूप से गरीब नवाज मस्जिद के नाम से जाना जाता था। विध्वंस के एक दिन बाद उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने एक बयान जारी कर कार्रवाई को अवैध और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश का उल्लंघन बताया। राम सनेही घाट के थाना प्रभारी सच्चिदानंद राय के मुताबिक प्राथमिकी में जिन लोगों के नाम हैं, उन्होंने फर्जी तरीके से तहसील परिसर में वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज ढांचा बनवाया था। एसएचओ ने कहा, उन्होंने ऐसा करने के लिए एक समिति बनाई थी। धोखाधड़ी पंजीकरण 2019 में किया गया था। प्राथमिकी में समिति के अध्यक्ष मुश्ताक अली, उपाध्यक्ष वकील अहमद, सचिव मोहम्मद अनीश, सदस्य दस्तगीर, अफजाल, मोहम्मद नसीम और तत्कालीन यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के इंस्पेक्टर मोहम्मद ताहा को नामजद किया गया है। शिकायत जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सोनू कुमार ने दर्ज कराई है। शिकायतकर्ता ने कहा, यह आपके संज्ञान में लाना है कि इन लोगों ने एक समिति बनाई और फिर धोखाधड़ी और धोखाधड़ी के माध्यम से 5 जनवरी, 2019 को एक संरचना को वक्फ संपत्ति के रूप में पंजीकृत किया। संरचना राम सनेही घर तहसील के भीतर है और है एसडीएम आवास के सामने। इसमें आगे कहा गया है, यह एक साजिश के तहत किया गया था, जिसमें ये लोग और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के तत्कालीन इंस्पेक्टर मोहम्मद ताहा भी शामिल थे। --आईएएनएस एचके/एएनएम

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