भोपाल में ओबीसी वर्ग के चयनित शिक्षकों का आमरण अनशन
भोपाल, 26 अप्रैल (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में शिक्षक वर्ग के लिए चयनित ओबीसी अभ्यार्थियों ने लोक शिक्षण संचनालय के सामने आमरण अनशन शुरू कर दिया है। वहीं कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राजमणि पटेल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर ओबीसी वर्ग के चयनित शिक्षकों की समस्या के निराकरण का अनुरोध किया है। ओबीसी वर्ग के चयनित शिक्षकों की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया है कि मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती 2018 की प्रक्रिया स्कूली शिक्षा विभाग ने शुरू की, इसमें वर्ग एक के लिए 17 हजार पद और जनजातीय कार्य विभाग ने दो पद का विज्ञापन जारी किया था। इसके लिए फरवरी 2019 में परीक्षा भी हुई, जिसमें प्रथम चरण में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर आरक्षित करते चयन प्रक्रिया 10 जनवरी 2020 से शुरू की जो जुलाई 2021 तक चली। इसी आधार पर मेरिट में आए सभी अभ्यार्थियों की प्रावधिक चयन सूची और प्रावधिक प्रतीक्षा सूची में नाम आने के बाद दस्तावेजों का सत्यापन किया गया। अक्टूबर 2021 में सभी विषयों के 8,292 अभ्यर्थियों की नियुक्ति कर दी गई, इसमें 11 विषयों में प्रावधिक चयन सूची से ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया लेकिन चार विषयों में ओबीसी को सिर्फ 14 फीसदी आरक्षण दिया गया। इन विषयों के 13 फीसदी पद होल्ड किए गए। अन्य पिछड़ा वर्ग से चयनित शिक्षकों का आरोप है कि ओबीसी के 13 प्रतिशत पद होल्ड करने के संबंध में किसी भी न्यायालय का लिखित स्थगन आदेश विभाग के पास नहीं है और न ही किसी वरिष्ठ कार्यालय से कोई रोक है। साढ़े छह हजार से अधिक पद खाली होने के बावजूद भी प्रतीक्षा सूची और होल्ड अभ्यर्थियों की पदस्थापना सूची जारी नहीं की गई है, जिससे ओबीसी के चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति से वंचित हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने 16 मार्च को इसी साल फिर सभी विषयों की प्रतीक्षा सूची जारी की, मगर चार विषयों के छह सौ अभ्यार्थी होल्ड पर हैं और प्रतीक्षा सूची में 14 सौ अभ्यार्थी प्रभावित हैं। इस तरह कुल दो ओबीसी अभ्यार्थी नियुक्ति से वंचित है, इनमें से ज्यादातर अभ्यर्थियों को आर्थिक और मानसिक प्रताड़ना के दैार से गुजरना पड़ रहा है। तीन अप्रैल से ये चयनित छात्र अनिश्चित भूख हड़ताल पर हैं। अब सोमवार से अनिश्चितकालीन आमरण अनशन शुरू कर दिया है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राजमणि पटेल ने ओबीसी वर्ग के चयनित छात्रों को न्याय दिलाने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने कहा है कि चयनित शिक्षक अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे हैं, इसके पूर्व 21 मार्च से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे रहे। इसके उपरांत क्रमिक भूख हड़ताल हुई और अब मजबूर होकर आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। लेकिन सरकार के द्वारा कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। पहली बार ऐसा हो रहा है जब कोई सरकार तो दूर उसका प्रतिनिधि तक इन छात्रों से मिलने नहीं पहुंचा है। सांसद ने चयनित शिक्षकों को नियुक्ति आदेश जारी करने का अनुरोध किया है। --आईएएनएस एसएनपी/एसकेपी