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ईडब्ल्यूएस-ओबीसी कोटा : एससी ने केंद्र से नीट-पीजी काउंसलिंग पर रोक लगाने को कहा, केंद्र सहमत

नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र से कहा कि वह ऑल इंडिया कोटा (एआईक्यू) में ओबीसी और ईडब्ल्यूएस आरक्षण की वैधता पर फैसला होने तक नीट-पीजी की काउंसलिंग पर रोक लगा दे, जिसपर सहमति जताते हुए केंद्र के वकील ने कहा कि जब तक शीर्ष अदालत अखिल भारतीय कोटा मेडिकल सीटों में ईडब्ल्यूएस-ओबीसी कोटा के लिए आरक्षण पर मामले का फैसला नहीं करती, तब तक काउंसलिंग शुरू नहीं होगी। वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार ने न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष यह मामला उठाया। दातार ने प्रस्तुत किया कि काउंसिलिंग कार्यक्रम की घोषणा की गई है, जोकि 24 अक्टूबर से शुरू होगा और यह 29 अक्टूबर को समाप्त हो जाएगा। इस मामले में अदालत के हस्तक्षेप की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि प्रक्रिया अदालत के समक्ष मामले के लंबित रहने के दौरान पूरी की जाएगी। शीर्ष अदालत ने ईडब्ल्यूएस के लिए वार्षिक आय मानदंड के रूप में 8 लाख रुपये तय करने के औचित्य पर केंद्र से सवाल किया था। दातार की दलीलों के बाद, पीठ ने केंद्र को निर्देश दिया कि जब तक वह मामले का फैसला नहीं कर लेता, तब तक वह काउंसलिंग प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाएगी। पीठ 28 अक्टूबर को मामले की सुनवाई करेगी। 21 अक्टूबर को, शीर्ष अदालत ने सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ेपन नहीं होने के बावजूद, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के तहत आरक्षण देने के लिए ओबीसी क्रीमी लेयर के 8 लाख रुपये वार्षिक आय के मानदंड को अपनाने पर केंद्र से सवाल किया था। अदालत ने केंद्र के वकील से कहा, आप आठ लाख रुपये की सीमा लागू करके असमान को बराबर बना रहे हैं। पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.एम. नटराज से पूछा कि क्या सरकार ने ईडब्ल्यूएस मानदंड को समान रूप से तय करने से पहले कुछ डेटा - जनसांख्यिकीय या सामाजिक या सामाजिक-आर्थिक - एकत्र किया है। पीठ ने अधिकारी से आगे पूछा कि क्या सरकार शहरी और ग्रामीण क्रय शक्ति में अंतर के लिए जिम्मेदार है, और यह भी कि क्या उसने मानदंडों पर पहुंचने से पहले कोई प्रैक्टिस की है। नटराज ने प्रस्तुत किया कि सिंहो आयोग की रिपोर्ट के आधार पर सीमा तय की गई थी, लेकिन पीठ आश्वस्त नहीं दिखीं। शीर्ष अदालत अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण और स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए अखिल भारतीय कोटा सीटों में ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ नील ऑरेलियो नून्स और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। नीट के माध्यम से चुने गए उम्मीदवारों में से एमबीबीएस में 15 प्रतिशत सीटें और एमएस और एमडी पाठ्यक्रमों में 50 प्रतिशत सीटें अखिल भारतीय कोटा के माध्यम से भरी जाती हैं। --आईएएनएस आरएचए/एएनएम

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