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गंगा की बड़ी बहन देविका का अस्तित्व बचाने के लिए सबको मिलकर प्रयास करने की जरूरत

उधमपुर, 24 जून(हि.स.)। उधमपुर मेें देविका नदी बहती है, जिसे गंगा की बड़ी बहन कहा जाता है। यह नदी इतनी पवित्र है कि यहां पर जिस व्यक्ति का अंतिम संस्कार होता है उसकी अस्थियां हरिद्वार में न ले जाकर यहीं पर प्रवाहित कर दी जाती हैं तथा तीन दिन उपरांत वह अस्थियिां दिखाई नहीं देती। जोकि किसी चमत्कार से कम नहीं हैं। इस नदी के किनारे बैसाखी पर तीन दिवसीय मेला लगता है, जिसमें हजारों लोग दूर-दूर से आकर भाग लेते हैं। कहा जाता है चैत्र चैदहश को तैंतीस करोड़ देवी देवता यहां पर स्नान करने को आते हैं। इसके अतिरिक्त सोमवती अमावस्या, नवरात्रों, शिवरात्रि, मनवास पर यहां पर स्नान का विशेष महत्व होता है। देविका नदी सुद्धमहादेव से प्रारंभ होती है तथा वहां से लुप्त होकर उधमपुर में दिखाई देती है, फिर यहां से लुप्त होकर पुरमंडल में निकलती है, जिसे छोटा काशी भी कहा जाता है वहां भी लोग अस्थियां वहीं प्रवाहित कर देते हैं। धीरे-घीरे उधमपुर की जनसंख्या बढ़ती गई तथा नगर की सारी गंदगी नालों के रास्ते इसमें पड़ने लगी, फलस्वरूप लोग यहां पर नहाने से कतराने लगे। अब वह साथ की बावलियों में नहाते हंै। जब कभी बैसाखी या अन्य पर्व पर सफाई होती थी तब नदी में नहाते हैं। इसको पवित्र रखने के लिए लोग पिछले चार दशकों से संघर्ष कर रहे हैं। इसके लिए देविका सुधार कमेटी भी बनाई गई, जिसने इसके विकास के लिए कई कार्य किए। राज्य सरकार द्वारा भी दो बार प्रोजैक्ट मंजूर किए गए परंतु उनसे कोई विशेष लाभ नहीं हुआ। वहीं अब उधमपुर के सांसद एवं केंद्रीय राज्यमंत्री डाॅ.जितेंद्र सिंह ने रूचि ली तथा इसके लिए 186.74 करोड़ रूपये का प्रोजैक्ट मंजूर करवाया। इसमें अधिकांश पैसा 154.80 करोड़ रूपये नगर की सीवरेज प्रणाली के लिए लगाया जा रहा है ताकि नगर की गंदगी को इससे पड़ने से रोका जा सके। देविका के विकास के लिए सिर्फ 11.42 करोड़ रखा गया जबकि शेष राशि में से कुछ राशि तवी नदी व कुछ राशि अगले दस वर्षों के रखरखाव के लिए रखी गई है। इसी के अंतर्गत मियांबाग, पिट्टनवड़, ओमाडा में सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट बनाए जाएंगे ताकि नगर की गदंगी से खाद एवं बिजली पैदा की जा सके। इसके अतिरिक्त देविका के विकास के लिए जो राशि है उसमें श्मशान घाटों का विकास व अन्य स्थानों को सुंदर बनाना है। लोगों का कहना है कि जिस प्रकार उधमपुर की जनता चाहती थी, यह प्रोजैक्ट उस प्रकार नहीं बनाया गया। 186.74 करोड के प्रोजैक्ट में देविका के विकास के लिए सिर्फ 11.42 करोड़ रखा गया है जो मात्र 7 से 8 प्रतिशत बनता है। लोगों का कहना है कि देविका के लिए अलग से ही धन लाना चाहिए था जिसका सीवरेज से कोई कनैक्शन नहीं होता। देविका नदी के विकास के लिए अलग से 50 करोड़ रूपये होने चाहिए: खालसा वहीं जब इस संबंध में नगर परिषद के उप प्रधान सरदार सुरेंद्र सिंह खालसा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि देविका के विकास के लिए कम से कम 50 करोड़ रूपया होना चाहिए था, इससे तो सिर्फ इसकी लीपा-पोती होगी। इस स्थान को धार्मिक स्थान के रूप में विकसित किया जाना चाहिए, ताकि माता वैष्णो देवी आने वाले यात्री जिस प्रकार शिवखोड़ी जाते हैं, उसी प्रकार यहां भी आएं। यहां यात्रियों के ठहरने के लिए धर्मशाला बननी चाहिए। अंतिम संस्कार वाले स्थान को आधुनिक बनाया जाता। पंरतु इस परियोजना में कुछ भी नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा कि सीवरेज के लिए इतना पैसा उपलब्ध कराना बहुत बड़ी बात है परंतु यह प्रोजैक्ट देविका के लिए बनाया गया है, वह अब नाम का ही है। उन्होंने मांग की कि इसके लिए अतिरिक्त धन की व्यवस्था की जाए। सबसे पहले देविका का संरक्षण जरूरी: पाबा वहीं देविका नदी के विकास के लिए संघर्ष करने वाले व समाज सेवी अनिल पाबा का कहना था कि यह धन देविका के सौंदर्यकरण के लिए खर्च किया जा रहा है। सौदर्यकरण इतना जरूरी नहीं जितना इसका संरक्षण जरूरी है। इस देविका नदी में इसी के प्राकृतिक पानी को संरक्षित करने की आवश्यकता है। इसके लिए देविका नदी को 3 से 5 फीट और गहरा करने की जरूरत है ताकि इसका पानी एक तालाब के रूप में रह सके और नहाने वालों को मुश्किल न हो। वर्तमान में देविका नदी में जो फर्श बना है उसमें रेत व अन्य गंदगी है, जिससे इसका पानी ठहरता नहीं बह जाता है। अच्छा यही है कि यहां प्राकृतिक घाट बनाए जाएं न कि कंकरीट के। यहां पर किनारे पेड़ पौधे लगाए जाएं ताकि यहां पर जो पानी के प्राकृतिक स्रोत है उनका पानी देविका में ही एकत्र हो सके। ‘परियोजना से संबंधित सुझाव देने हेतु शुरू की फोन व ई-मेल के जरिए सेवा: डीडीसी‘ जिलाधीश उधमपुर इंदु कंवल चिब ने आज कहा कि जिला प्रशासन प्रतिष्ठित देविका परियोजना के निष्पादन के संबंध में आम जनता से किसी भी प्रकार के सुझावों और अवलोकन के लिए खुला है। जिला प्रशासन ने देविका हैल्पलाइन नंबर 01992-2278844 शुरू किया और आम जनता के लिए ई-मेल आईडी नकीकमअपां/हउंपसण्बवउ बनाया है। लोग देविका परियोजना के बारे में अपने सुझाव और अवलोकन सांझा कर सकते हैं। डीसी ने मीडिया को देविका परियोजना की प्रगति के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि देविका परियोजना के लिए जिला प्रशासन चाहता है कि उधमपुर में रहने वाले सभी लोग योगदान दें और अपने सुझावों और टिप्पणियों को सांझा करें। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के तहत 186.74 करोड रूपये की अनुमानित लागत पर मंजूरी दी गई थी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना का चल रहा निर्माण कार्य जनवरी 2019 में शुरू किया गया था। हिन्दुस्थान समाचार/रमेश/बलवान ------

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