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शिमला में 66 सरकारी भवनों से 1.85 करोड़ रुपये बिजली बिल की बचत हुई: मंत्री

शिमला, 21 अप्रैल (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने गुरुवार को कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन ने राज्य की राजधानी में सौर ऊर्जा का एक सफल मॉडल पेश किया है। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शिमला शहर के 66 सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित की गई है और बिजली बिलों में 1.85 करोड़ रुपये की बचत हुई है। मंत्री ने एक प्रेस बयान में कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन ने शिमला शहर को बदल दिया है। इसके तहत शहर में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए एक घटक था। भारद्वाज ने कहा, सबसे पहले, हमने शहर भर के सरकारी भवनों को शॉर्टलिस्ट किया था और राज्य में सौर ऊर्जा के लिए हिमूरजा नोडल एजेंसी के माध्यम से सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की थी। मंत्री ने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत पहला सौर मंडल जनवरी 2019 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) में स्थापित किया गया था। उन्होंने कहा, स्थापित सौर ऊर्जा प्रणाली की कुल क्षमता 2,500 किलोवाट है। अब तक, 1.84 करोड़ रुपये के बिजली बिल की बचत करते हुए 39.16 लाख किलोवाट बिजली का उत्पादन किया गया है। मंत्री ने कहा, सरकारी प्रिंटिंग प्रेस, तारा देवी में एचआरटीसी कार्यशाला, बागवानी निदेशालय, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में छात्रावास, डीडीयू जोनल अस्पताल, आदि ऐसे कार्यालय हैं, जिन्होंने अब तक बिजली बिलों पर 3 लाख रुपये से अधिक की बचत की है और और प्रत्येक में एक लाख यूनिट से अधिक का उत्पादन किया है। भारद्वाज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा हरित ऊर्जा पर जोर दिया है और वह भी सौर ऊर्जा पर। जंगल से आच्छादित होने के बावजूद, शहर की कई इमारतों में अच्छी धूप है। उन्होंने कहा, हम हरित ऊर्जा के साथ स्मार्ट सिटी के लिए प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। मंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा ही भविष्य है। उन्होंने कहा, ऐसी कई परियोजनाएं हैं, जहां बिजली बिलों पर मुख्य खर्च किया जाएगा। हमने ऐसी सभी परियोजनाओं को विशेष रूप से लिफ्ट, एस्केलेटर से जोड़ने के लिए सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित करने की योजना तैयार की है। --आईएएनएस एचके/एएनएम

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