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मध्य प्रदेश में तेज हो रही है चुनावी हलचल

भोपाल , 19 मई (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिए जाने का फैसला सुनाए जाने के बाद चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। राजधानी से लेकर गांव तक सियासी हलचल बढ़ गई है, वहीं टिकट पाने के दावेदारों से लेकर राजनीतिक दलों के नेताओं ने गोटियां बिठानी शुरू कर दी है। राज्य में पंचायत चुनाव जहां गैर दलीय आधार पर होना है, वही नगरीय निकाय के चुनाव दलीय आधार पर होना है। सर्वोच्च न्यायालय ने एक सप्ताह के भीतर नोटिफिकेशन करने और चुनाव जल्द कराने का निर्देश दिया है। उसी आधार पर राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। संभावना है कि जल्दी ही नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा और आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। पंचायत चुनाव तीन चरणों में कराए जाना है इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला अधिकारियों को निर्देश भी जारी कर दिए हैं। अभी तारीखें तय नहीं हुई हैं। एक तरफ जहां राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव की तैयारी में जुटा हुआ है तो दूसरी तरफ राजनीतिक दलों ने भी कवायद तेज कर दी है। भाजपा ने नगरीय निकाय चुनाव के लिए जहां प्रभारियों की नियुक्ति कर दी है, वहीं पंचायत चुनाव के लिए भी चुनाव संचालन समिति घोषित कर दी गई है। इतना ही नहीं पार्टी निचले स्तर से फीडबैक भी जुटा रही है और उसी के आधार पर नगरीय निकाय में लोग चुनाव मैदान में उतारे जाएंगे। एक तरफ जहां भाजपा तैयारी में जुटी है तो दूसरी ओर कांग्रेस ने भी अपने नेताओं के साथ संपर्क और संवाद तेज कर दिया है। जिला स्तर से संभावित लोगों के नाम मंगाए जा रहे हैं और उसके आधार पर ही आगे की रणनीति तय की जाएगी। इतना ही नहीं शुक्रवार को प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ ने पंचायत प्रकोष्ठ की बैठक बुलाई है। एक तरफ जहां राज्य निर्वाचन आयोग और राजनीतिक दल अपने-अपने तरह से चुनावी तैयारियों में जुटे हैं, तो वहीं गांव की चौपालों में संभावित उम्मीदवारों की चर्चाएं जोर पकड़ने लगी हैं। इतना ही नहीं ऐसे लोग भी सक्रिय हैं जो राजनीतिक दल की बजाय व्यक्तिगत तौर पर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। ग्रामीण और शहरी इलाकों में चुनाव को लेकर चर्चा का दौर शुरू हो गया है और मुद्दे भी जोर पकड़ने लगे हैं। --आईएएनएस एसएनपी/एएनएम

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