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झारखंड में कोविड काल के दौरान 44 फीसदी से अधिक बच्चे ऑनलाइन क्लास से पूरी तरह वंचित रहे: सर्वे

रांची, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। झारखंड में कोविड काल के दौरान 93.6 प्रतिशत स्कूली बच्चों के पास ऑनलाइन पढ़ाई के लिए अपना मोबाइल नहीं था। हालांकि 44.6 फीसदी बच्चों ने अपने पिता, भाई या रिश्तेदार के फोन से क्लास की, जबकि44.4 फीसदी स्कूली बच्चे ऐसे थे, जो कोविड के दौरान मोबाइल पर ऑनलाइन क्लास की सुविधा से पूरी तरह वंचित रहे। यह नतीजा ज्ञान विज्ञान समिति की झारखंड इकाई की ओर से कराये गये एक सर्वे में सामने आया है। समिति के राष्ट्रीय महासचिव डॉ काशीनाथ चटर्जी ने मंगलवार को रांची स्थित कार्यालय में सर्वे रिपोर्ट जारी की। समिति के अनुसार, राज्य के 17 जिलों के 115 प्रखंडों की 602 पंचायतों के 877 गांवों में फरवरी-मार्च के दौरान बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा पर प्रभाव के अध्ययन के यह सर्वे कराया गया था। बताया गया कि संस्था के 662 वॉलेंटियर 5118 घरों तक गये थे। सर्वे के दौरान पाया गया कि 35.1 प्रतिशत बच्चों ने अपने माता पिता के मोबाइल पर, 4.5 फीसदी ने भाई और 5 फीसदी रिश्तेदारों के मोबाइल से ऑनलाइन क्लास की। सर्वे के क्रम में खूंटी, गिरिडीह, चतरा, दुमका, धनबाद, पलामू, बोकारो, रांची, रामगढ़, लातेहार, लोहरदगा, साहेबगंज, गढ़वा, जामताड़ा, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, हजारीबाग, गोड्डा, देवघर और सरायकेला खरसावां के गांवों में डिजिटल शिक्षा की हकीकत को परखा गया। सर्वे के अनुसार 85.9 अभिभावकों को पता ही नहीं कि टीवी के माध्यम से पढ़ाई भी होती है। 84 फीसदी के घरों में डीटीएच या केबल कनेक्शन चालू हालत में नहीं था। 97.1 फीसदी अभिभावक मानते हैं कि उनके बच्चे टीवी पर पढ़ाई नहीं करते। टीवी के जरिये पढ़ाई करने वाले बच्चों में से 72.5 फीसदी के अभिभावकों ने माना कि वे बच्चे की निगरानी नहीं कर पाते। 25.1 फीसदी लोगों के मुताबिक बच्चे पढ़ते समय इंटरटेनमेंट चैनल देखने लगते हैं। समिति के अध्यक्ष काशीनाथ चटर्जी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार कोविड पीरियड में बच्चों को पढ़ाई से जोड़े रखने को ऑनलाइन शिक्षा पर जोर देती रही। मोबाइल, इंटरनेट और दूरदर्शन के माध्यम से पढ़ाई को प्रोत्साहित किये जाने की खूब बातें हुईं, पर हकीकत कड़वी है। समिति के पदाधिकारियों ने कहा वे रिपोर्ट और जरूरी सुझावों के साथ सरकार से मिलेंगे। समिति का मानना है कि एक-एक बच्चे को सुविधाएं उपलब्ध कराये बगैर डिजिटल शिक्षा फिजिकल शिक्षा की जगह नहीं ले सकती। बगैर शिक्षकों, मेंटर के बिना लाख कोशिश कर ली जाये, ऑनलाइन पढ़ाई से शिक्षा की बुनियाद खड़ी करना चैलेंज है। --आईएएनएस एसएनसी/एएनएम

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