Nishikant Dubey News: दिल्ली विश्वविद्यालय ने साफ किया, निशिकांत दुबे नहीं रहे हैं उनके छात्र
Nishikant Dubey News: दिल्ली विश्वविद्यालय ने साफ किया, निशिकांत दुबे नहीं रहे हैं उनके छात्र

Nishikant Dubey News: दिल्ली विश्वविद्यालय ने साफ किया, निशिकांत दुबे नहीं रहे हैं उनके छात्र

झारखंड की गोड्डा लोकसभा सीट से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के फैकल्टी ऑफ मैनजमेंट स्टडीज (एफएमएस) विभाग के छात्र नहीं रहे हैं। डीयू के एफएमएस की डीन प्रो. सुनीता सिंह सेनगुप्ता ने जागरण संवाददाता से फोन पर बातचीत में कहा कि शारखंड पुलिस की तरफ से निशिकांत दुबे के बारे में वर्ष 2016 में आरटीआइ डालकर उनकी डिग्री के संदर्भ में जानकारी मांगी गई थी। उस समय यह मामला एफएमएस के डीन प्रो. एमएल सिंगला के समक्ष आया था। 5 जनवरी 2016 को आरटीआइ का जवाब एफएमएस कार्यालय की तरफ जारी किया गया था। इसकी कॉपी और रिकॉर्ड झारखंड पुलिस के पास मौजूद है। मुझसे दोबारा झारखंड पुलिस ने इसके लिए एक पत्र जारी करने के लिए कहा था, जिसे मैंने जारी कर दिया है। यह पत्र 28 जुलाई 2020 को शारखंड की राजधानी रांची से शारखंड पुलिस के क्राइम इन्वेस्टिगेशन विभाग के इंस्पेक्टर राजेश कुमार के नाम पत्र जारी किया गया। इसमें लिखा गया है कि 5 जनवरी 2016 के आरटीआई के जारी जवाब के तहत डीयू के एफएमएस विभाग के कार्यालय की जानकारी के मुताबिक, वर्ष 1993 में निशिकांत दुबे नाम का कोई भी व्यक्ति ना ही पासआउट यहां से हुआ था और न ही इन्होंने एफएमएस में दाखिला लिया था। लाखों के सलाना पैकेज मिलते हैं एफएमएस के एमबीए कर रहे छात्रों को डीयू का प्रतिष्ठित एफएमएस विभाग अपने एमबीए पाठ्यक्रम के लिए जाना जाता है। इसके एमबीए के छात्र व छात्राओं को हर वर्ष बहुराष्ट्रीय कंपनियों से लाखों रुपये के सालाना पैकेज मिलते हैं। 2020 के एफएमएस के प्लेसमेंट कार्यक्रम के तहत एक छात्र को एक कंपनी से सर्वाधिक 58.8 लाख रुपये का पैकेज मिला है। वहीं एफएमएस के एमबीए के 100 छात्रों को 31 लाख रुपये का सालाना पैकेज भी मिला है। 2020 के प्लेसमेंट कार्यक्रम में आइटी, ई-कॉमर्स, परामर्श, मार्केटिंग के क्षेत्र की सौ बड़ी कंपनियां शामिल हुई हैं।-newsindialive.in

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