डीयू: कॉलेजों को भेजे सर्कुलर में नई भर्ती पर रोक, वीसी से सर्कुलर निरस्त करने की मांग

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नई दिल्ली, 22 मई (आईएएनएस)। डीयू के असिस्टेंट रजिस्ट्रार द्वारा एक सर्कुलर जारी किया है जिसमें निर्देश दिए गए हैं कि जिन कॉलेजों में रेगुलर (स्थायी) प्रिंसिपल नहीं है वहां पर एडहॉक टीचर्स व कर्मचारियों की नियुक्ति न की जाए। यह शैक्षिक व गैर-शैक्षिक पदों की भर्तियों पर रोक संबंधी सर्कुलर है। अब इस सर्कुलर को वापिस लेने की मांग की जा रही है। शिक्षक संगठनों का कहना है दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर, कॉलेजों को एडहॉक शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति करने के निर्देश दे ताकि शिक्षा व्यवस्था प्रभावित न हो। दिल्ली विश्वविद्यालय के असिस्टेंट रजिस्ट्रार द्वारा यह सर्कुलर उन कॉलेजों को भेजा गया है जिन कॉलेजों में ऑफिशिएटिंग या एक्टिंग प्रिंसिपल काम कर रहे हैं। इन कॉलेजों में स्थायी प्रिंसिपल की नियुक्ति न होने तक शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों की कॉन्ट्रैक्ट , एडहॉक या रेगुलर आधार पर किसी तरह की कोई नियुक्ति नहीं होगी । ऑफिशिएटिंग प्रिंसिपलों के अलावा यह सर्कुलर कॉलेजों की गवनिर्ंग बॉडी के चेयरमैनों को भी भेजा गया है। दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) ने वाइस चांसलर प्रोफेसर योगेश सिंह को पत्र लिखकर यह सकरुलर निरस्त करने की मांग की है। डीटीए ने कहा है कि इस तरह के सकरुलर को भेजे जाने से बेरोजगार शोधार्थियों व एससी, एसटी, ओबीसी शिक्षकों में गहरा रोष है। शिक्षकों के मुताबिक पहले ही कॉलेज प्रिंसिपलों ने इन पदों को लंबे समय से नहीं भरा है, जबकि यूजीसी, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और संसदीय समिति खाली पदों को भरने के लिए कई बार निर्देश दे चुका है। दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए ) के अध्यक्ष डॉ . हंसराज सुमन ने वाइस चांसलर से कहा है कि है कि डीयू से संबद्ध अधिकांश कॉलेजों ने ओबीसी कोटे के सेकेंड ट्रांच (ओबीसी एक्सपेंशन ) के पदों को नहीं भरा है जिसे शैक्षिक सत्र -2022 --2023 शुरू होने से पहले भरा जाना है। अब यदि इन पदों को नहीं भरते है तो छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होगी। इतना ही नहीं इन पदों को प्रिंसिपल खत्म कर देंगे जैसे उन्होंने एससी, एसटी व ओबीसी का बैकलॉग व शॉर्टफाल पदों को समाप्त कर दिया। उन्होंने यह भी बताया है कि मार्च से जुलाई के बीच कॉलेजों से बहुत से शिक्षक सेवानिवृत्त हो रहे है यदि उनके स्थान पर एडहॉक शिक्षकों की नियुक्तियां नहीं होंगी तो इस साल से शुरू हो रही राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत प्रवेश लेने वाले छात्रों की शिक्षा पर बुरा असर पड़ेगा। शिक्षकों का कहना है कि डीयू कॉलेजों में एक्टिंग प्रिंसिपल व ऑफिशिएटिंग प्रिंसिपल के समय कॉलेजों में शिक्षकों व कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति व पदोन्नति होती रही है। उन्हें वे सभी पावर दी गई है जो एक स्थायी प्रिंसिपल को मिली हुई है। इसलिए शिक्षकों व कर्मचारियों की नियुक्तियों पर किसी तरह की रोक लगाना अव्यवहारिक है। शिक्षकों संगठनों के मुताबिक डीयू के दो दर्जन से अधिक कॉलेजों में प्रिंसिपल के पद खाली है, जिन कॉलेजों ने प्रिंसिपल पदों के विज्ञापन निकाले थे उनकी स्क्रीनिंग होकर उनके स्थायी प्रिंसिपल के लिए इंटरव्यू की तिथि निर्धारित हो रही है। इन कॉलेजों में दयालसिंह कॉलेज, भारती कॉलेज, मिरांडा हाउस, पीजीडीएवी कॉलेज (प्रात) श्री अरबिंदो कॉलेज, श्री अरबिंदो कॉलेज (सांध्य ) है जिनकी सलेक्शन कमेटी जल्द हो रही है। --आईएएनएस जीसीबी/एएनएम

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