ड्रिप व टपक सिंचाई पद्धति ने बदली कांति प्रसाद की आर्थिक स्थिति.
मेरठ, 12 जनवरी (हि.स.)। खेती-बाड़ी में नए-नए प्रयोग किसानों की आर्थिक स्थिति में बड़ा बदलाव ला रहे हैं। खरखौदा विकास खंड के खंद्रावली गांव के किसान कांति प्रसाद त्यागी ने गन्ने की फसल में पानी की ज्यादा खपत रोकने को ड्रिप व टपक सिंचाई पद्धति अपनाई तो आश्चर्यजनक परिणाम सामने आए। किसान कान्ति प्रसाद त्यागी को जानकारी मिली कि गन्ना फसल में ड्रिप सिंचाई पद्धति लगाने पर राज्य सरकार अनुदान उपलब्ध करा रही है। इस पर उन्होंने जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय से संपर्क किया तो वहां से ड्रिप व स्प्रिंकलर लगाने वाली कंपनियों के नाम बताए गए। कांति ने नेटाफेम इरीगेशन के प्रतिनिधि से बात की तो उन्होंने गांव में प्रदर्शन करने का निर्णय लिया। गांव में आये। गावं के आस-पास के कुछ किसानों ने इस प्रकार के कार्यक्रमों को देखने की इच्छा व्यक्त की। कान्ति प्रसाद ने बताया कि नेटाफेम इरीगेशन के प्रतिनिधि द्वारा उनके प्रक्षेत्र पर स्थापित सिस्टम द्वार प्रदर्शन कराया गया। उनके द्वारा चार हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ना की फसल में ड्रिप लगाई गई। सह फसली के रूप में तरबूज एवं बैंगन लगया गया। ड्रिप से पूर्व 800 कुन्तल प्रति हेक्टेयर उत्पादन प्राप्त हो रहा था, जबकि ड्रिप स्थापना के पश्चात 1000 कुन्तल प्रति हेक्टेयर उत्पादन प्राप्त हुआ। जिसमें मुझे बिजली, पानी, मजदूरी, समय एवं रक्षा रसायनों व खरपतवार की भी बचत हुई। परम्परागत विधि एवं प्रचलित सिंचाई पद्धति के कारण अन्य वर्षों के मुकाबले इस वर्ष उत्पादन में काफी वृद्धि हो गई है। इससे उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई है। मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया कान्ति प्रसाद ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कृषि कल्याणकारी योजना के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश लगातार तरक्की कर रहा है। सरकार हर वर्ग का ध्यान रखकर कार्य कर रही है व योजनाएं बना रही है। इसके लिए उन्होंने जिला उद्यान अधिकारी एवं प्रभारी योजना का धन्यवाद दिया। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के भी लाभार्थी कांति प्रसाद कांति प्रसाद त्यागी राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के भी लाभार्थी है। इनको नंगलामल चीनी मिल व गन्ना विभाग द्वारा टपक सिंचाई पद्धति से गन्ने की बुआई की पूर्ण जानकारी भौतिक रूप से दी गई। कांति प्रसाद का कहना है कि सरकार द्वारा निरंतर भूजल की उपयोगिता एवं संरक्षण के बारे में लोगो को जागरूक किया जा रहा है। तीन हजार हेक्टेयर में टपक सिंचाई पद्धति की स्थापना हुयी है जिसमें इन्हें भरपूर फसल प्राप्त हो रही है। इन्होंने इसके लिए गन्ना विभाग व नगलामल चीनी मिल का आभार व्यक्त किया। हिन्दुस्थान समाचार/कुलदीप-hindusthansamachar.in