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बिहार में शराब तस्करों के लिए मुसीबत बना श्वान दस्ता

पटना, 5 अप्रैल (आईएएनएस)। बिहार में जहारीली शराब पीने से हुई मौत पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश के बाद शराब तस्करों की शामत आ गई है। शराब कारोबारियों को पकड़ने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। इस बीच, पुलिस श्वान दस्ते में शामिल प्रशिक्षित विभिन्न प्रजातियों के श्वान शराब कारोबारियों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। बिहार पुलिस के आंकड़े भी बता रहे हैं कि श्वान दस्ते के श्वान कमाल कर रहे हैं। पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले तीन साल में बिहार में डेढ़ लाख लीटर से ज्यादा शराब पकड़वा दिया है। श्वानों के कारण ही 412 शराब बेचने या पीने वालों को गिरफ्तार किया गया है। बिहार पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल श्वान दस्तों की मदद से 1,537 लीटर से अधिक विदेशी (अंग्रेजी) शराब बरामद की गई जबकि 20,215 लीटर देशी शराब बरामद करने में श्वान दस्तों ने मदद की। इसी तरह श्वान दस्तों की मदद से 341 शराब कारोबारियों को पकड़ने में पुलिस को सफलता मिली। आंकड़ों के मुताबिक खोजी श्वानों नें पिछले तीन सालों में यानी 2019 से लेकर 2021 तक शराब पकड़वाने में बहुत मदद की है। श्वानों ने सूंघ कर शराब के भंडार का पता लगाया, जिससे बड़े पैमाने पर शराब पकड़ी गयी। पिछले तीन वर्षों में इन श्वानों की मदद से डेढ़ लाख लीटर से ज्यादा शराब बरामद की गयी है तथा 412 शराब के धंधे से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के मुताबिक, राज्य में पटना तथा अन्य क्षेत्रीय केंद्रों सहित 12 केंद्रों में श्वानालयों की संख्या 107 है, जिसमें स्नीफर 30, ट्रेकर 24, लिकर 17 तथा नारकोटिक्स के चार श्वान यानी कुल 75 श्वान हैें। इन श्वानों में लेब्राडोर नस्ल के 72, जर्मन शेफर्ड नस्ल का एक तथा बेल्जियम मेलोनिस नस्ल के दो प्रशिक्षित श्वान हैं। इन श्वानों में 20 श्वान जहां 2 वर्ष से कम आयु के हैं, वहीं 16 श्वान दो से चार वर्ष के हैं। इसके अलावे छह श्वान छह से आठ वर्ष के हैं जबकि 28 श्वान आठ वर्ष से ऊपर की आयु के हैं। --आईएएनएस एमएनपी/एसकेपी

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